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- हाउस टैक्स चोरी के मामले में मेयर और नगरायुक्त आमने-सामने

हाउस टैक्स चोरी के मामले में मेयर और नगर आयुक्त आमने-सामने आ गए हैं। नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने मेयर के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि उनके आठ माह के कार्यकाल में 36 करोड़ रुपये हाउस टैक्स में वृद्धि हुई है। यही नहीं 30 हजार करदाता भी बढ़े हैं। नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि टैक्स चोरी से संबंधित कोई ठोस सबूत प्रस्तुत किया जाए तो अवश्य ही जांच के बाद दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं मेयर ने सोमवार को फिर से नगर आयुक्त को निर्देश जारी कर टैक्स चोरी के मामले में जांच करने के लिए कह दिया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 08:55 PM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 06:23 AM (IST)
- हाउस टैक्स चोरी के मामले में मेयर और नगरायुक्त आमने-सामने
- हाउस टैक्स चोरी के मामले में मेयर और नगरायुक्त आमने-सामने

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : हाउस टैक्स चोरी के मामले में मेयर और नगर आयुक्त आमने-सामने आ गए हैं। नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने मेयर के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि उनके आठ माह के कार्यकाल में 36 करोड़ रुपये हाउस टैक्स में वृद्धि हुई है। यही नहीं 30 हजार करदाता भी बढ़े हैं। नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि टैक्स चोरी से संबंधित कोई ठोस सबूत प्रस्तुत किया जाए तो अवश्य ही जांच के बाद दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं मेयर ने सोमवार को फिर से नगर आयुक्त को निर्देश जारी कर टैक्स चोरी के मामले में जांच करने के लिए कह दिया है।

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मेयर आशा शर्मा ने आरोप लगाया था कि नगर निगम में करीब 80 करोड़ रुपये की हाउस टैक्स चोरी हो रही है। जिसे नगर आयुक्त समेत अन्य अधिकारी नहीं रोक पा रहे। बार-बार शिकायत के बावजूद अधिकारी जांच करने से बच रहे हैं। मेयर के इन आरोपों पर नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने अपना पक्ष रखते हुए सोमवार को कमिश्नर को पत्र भेजा है। उसमें बताया है कि उन्होंने 18 फरवरी को नगर निगम गाजियाबाद में नगर आयुक्त का कार्यभार ग्रहण किया था। पिछले आठ महीनों में उनके कार्यकाल के दौरान करीब 36 करोड़ रुपये हाउस टैक्स पिछले वित्त वर्ष की तुलना में अधिक वसूला गया है। यही नहीं 30 हजार नए करदाता चिह्नित किए गए हैं। नगर आयुक्त ने अपने जवाब में यह भी स्पष्ट किया है कि नगर निगम अधिनियम में हाउस टैक्स निर्धारण करने का अधिकार भवन स्वामी को दिया गया है। जांच करने पर भवन स्वामी द्वारा निर्धारित किए गए हाउस टैक्स में गड़बड़ी पाई जाती है तो उसे दुरुस्त किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा है कि बिना तथ्य आरोप लगाना ठीक बात नहीं। तथ्यों के साथ हाउस टैक्स चोरी के बारे में बताया जाए तो निश्चित ही जांच कराई जाएगी। दोषी अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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टैक्स कम करने के नाम पर घूस मांगने का आरोप

एक तरफ जहां हाउस टैक्स चोरी को लेकर मेयर और नगर आयुक्त के बीच ठनी हुई है। वहीं वार्ड-चार की पार्षद नीतू सिंह के पति ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में निगम कर्मी हाउस टैक्स कम करने के नाम पर आठ हजार रुपये मांग रहे हैं। इस मामले में नगर आयुक्त ने बताया कि जिस कर्मचारी पर आरोप लगाया जा रहा है, उसे पहले ही हटाया जा चुका है।

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मुझे समझ नहीं आता कि हाउस टैक्स चोरी के आरोप में जांच क्यों नहीं कराई जा रही है। मैंने नगर आयुक्त को दोबारा से जांच कराने को कहा है। किसी संस्था से सेटेलाइट और डोर-टू-डोर सर्वे कराया जाए तो हाउस टैक्स की बड़ी चोरी पकड़ी जा सकती है।

- आशा शर्मा, मेयर


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