बैंक के पास बंधक फ्लैट बेचकर ठगा
बैंक के पास बंधक फ्लैट बेचकर केरल के दंपती से ठगी की गई है। मामला 201
जासं, गाजियाबाद: बैंक के पास बंधक फ्लैट बेचकर केरल के दंपती से ठगी की गई है। मामला 2018 का है, जिसके बारे में पीड़ित को जुलाई-2019 में पता चला। तभी से वह पुलिस दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे। एसएसपी के आदेश पर लोन देने वाली कंपनी समेत नौ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर विजयनगर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
केरल के इडकी निवासी जोलडिन फ्रांसिस पत्नी प्रेयसी के. सैलास के साथ दिल्ली के उत्तम नगर में रहते हैं। जुलाई 2018 में उनकी मुलाकात मयूर विहार निवासी अनूप जेम्स से हुई थी। फ्लैट के लिए अनूप ने अलीगढ़ निवासी अपने कर्मचारी अजय वर्मा से मिलवाया। दोनों ने उनकी मुलाकात नीतिखंड मयंक भारद्वाज व उसके भाई हर्षित भारद्वाज से कराई। दोनों भाइयों ने विजयनगर के प्रताप विहार में फ्लैट दिखाया। कहा कि हुकमचंद कंसल इसके मालिक हैं। 35 लाख में कीमत तय हुई, जिसके बाद आरोपित दंपती को पुराना राजेंद्र नगर स्थित फुलरटोन इंडिया फाइनेंस कंपनी में ले गए। 30 नवंबर को उनकी पत्नी के नाम करीब 35.60 लाख रुपये का लोन स्वीकृत कर कहा गया कि रजिस्ट्री के वक्त 28 लाख रुपये का ड्राफ्ट मालिक के नाम दे दिया जाएगा और कंपनी रजिस्ट्री को अपने पास रख लेगी। पीड़ित ने हुकमचंद कंसल के खाते में दिसंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच बाकी सात लाख ट्रांसफर कर दिए। 16 जनवरी 2019 को सदर तहसील में रजिस्ट्री व अन्य प्रक्रिया पूरी की गई, जिसके बाद प्रॉपर्टी डीलर भाइयों को कमीशन भी दे दिया।
रजिस्ट्री भी फर्जी कराई
जुलाई 2019 में फ्लैट पर गए तो वहां एसबीआइ करोल बाग की ओर से नोटिस चस्पा था कि लोन न देने के कारण इस फ्लैट पर बैंक का कब्जा है। पीड़ित ने आरोपितों से बात की तो टालमटोल करने लगे। पता चला कि हुकमचंद कंसल ने खाली जमीन प्रीत विहार निवासी विशाल विज को 30 लाख में बेच दी थी। विशाल ने इस पर तीन मंजिला बिल्डिग तैयार की और दो जनवरी 2014 को दिल्ली के वीरेंद्र ठाकुर के नाम 1.06 करोड़ रुपये में रजिस्ट्री कर दी। वीरेंद्र ने ही इस बिल्डिग पर लोन लिया था। हुकुमचंद की ओर से उनके नाम फर्जी रजिस्ट्री कराई गई।