ठीक हुए 200 से अधिक लोगों को संक्रमितों में गिना जा रहा था
200 से अधिक केस ऐसे सामने आए जो डिस्चार्ज हो चुके हैं लेकिन ठीक होने वालों की सूची में नहीं जोड़े गए थे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बीते कुछ दिनों से गाजियाबाद में कोरोना के आंकड़े रोजाना डरा रहे हैं, क्योंकि एक्टिव केस के मामले में जिला पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर पहुंच गया है, लेकिन बृहस्पतिवार को राज्य पर्यवेक्षक डॉ. एके पालिवाल ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि अभी भी गाजियाबाद का रिकवरी रेट 50 फीसद से अधिक है, क्योंकि गाजियाबाद से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने वाले लोगों का सही डाटा नहीं भेजा जा रहा था। 200 से अधिक केस ऐसे सामने आए, जो डिस्चार्ज हो चुके हैं, लेकिन ठीक होने वालों की सूची में नहीं जोड़े गए थे।
अप्रैल-मई में गाजियाबाद का पर्यवेक्षण कर रहे डॉ. पालिवाल के स्थान पर डॉ. डीके सोनकर को भेजा गया था। मगर कोरोना के बिगड़ते हालातों के चलते उन्हें हटाकर डॉ. पालिवाल को दुबारा गाजियाबाद भेजा गया। डॉ. पालिवाल ने बताया कि केस नए मिलना कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि केस मिलने का मतलब है कि उसे ट्रैक किया गया है। मगर लोगों का स्वस्थ न होना चिता की बात है, जैसा है नहीं। गाजियाबाद में स्वस्थ होने वालों की सही संख्या पोर्टल पर अपडेट नहीं हो रही थी। इसके कारण रिकवरी रेट घट गया। करीब 200 लोग डिस्चार्ज हो गए, लेकिन उन्हें डिस्चार्ज होने वालों में नहीं जोड़ा गया था। इन्हें पोर्टल पर अपडेट कराया जा रहा है।
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1450 ठीक हो चुके
डाटा को ठीक कराने के बाद बृहस्पतिवार को ठीक होने वालों का आंकड़ा एक बार फिर संक्रमितों से अधिक हो गया। बृहस्पतिवार को जिले में कुल 128 संक्रमित पाए गए, जबकि 378 लोग स्वस्थ हुए। इनमें पूर्व में स्वस्थ हुए 200 से अधिक लोग भी शामिल हैं, जिन्हें बृहस्पतिवार को ही सूची में जोड़ा गया है। गाजियाबाद में अब कुल संक्रमितों की संख्या 2866 पहुंच चुकी है। इनमें 1450 लोग स्वस्थ हो चुके हैं और 1352 एक्टिव केस हैं। वहीं 64 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग ने कमला नेहरू नगर स्थित सीबीआई एकेडमी में भी कैंप लगाकर रैपिड एंटीजन किट से जांच की। सूत्रों की माने तो एकेडमी में कुछ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मगर इनकी आरटी पीसीआर के माध्यम से दोबारा जांच कराई गई है।