बेपटरी हुई शालीमार एक्सप्रेस से यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला
रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार को जम्मूतवी जा रही शालीमार एक्सप्रेस बेपटरी हो गई। घटना की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। रेलवे प्रशासन रेलवे पुलिस जीआरपी गाजियाबाद पुलिस ट्रैफिक पुलिस सिविल डिफेंस फायर सर्विस चिकित्सा विभाग मौके पर पहुंचे। सूचना पर कमला नेहरूनगर स्थित आठवीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। रेलवे रेस्क्यू टीम ने हाईटेंशन लाइन कटी। डिप्टी कमांडेंट राज कमल मलिक के नेतृत्व में पहुंची एनडीआरएफ टीम ने सभी विभागों संग मिलकर संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार को जम्मूतवी जा रही शालीमार एक्सप्रेस बेपटरी हो गई। घटना की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। रेलवे प्रशासन, रेलवे पुलिस, जीआरपी, गाजियाबाद पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, सिविल डिफेंस, फायर सर्विस, चिकित्सा विभाग मौके पर पहुंचे। सूचना पर कमला नेहरूनगर स्थित आठवीं बटालियन एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। रेलवे रेस्क्यू टीम ने हाईटेंशन लाइन कटी। डिप्टी कमांडेंट राज कमल मलिक के नेतृत्व में पहुंची एनडीआरएफ टीम ने सभी विभागों संग मिलकर संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। लोगों को सकुशल निकाला
जवानों ने पलटी हुई बोगी को काटकर बोगी में फंसे लोगों को बाहर निकाला। डॉग स्क्वॉयड की मदद से हादसे में फंसे लोगों का पता लगाकर सभी को सकुशल निकाल लिया गया। एंबुलेंस से घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया। एनडीआरएफ की मेडिकल टीम ने मामूली रूप से घायल लोगों को मौके पर ही इलाज दिया। स्टेशन पर मौजूद लोगों में घटनास्थल की ओर नजर पड़ते ही हड़कंप मच गया। लोग एक दूसरे से पूछ ही रहे थे कि पता चला यह मॉक ड्रिल है, जिसे एनडीआरएफ की ओर से कराया गया। मॉक ड्रिल से कम कर सकते हैं क्षति
एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के कमांडेंट पीके श्रीवास्तव ने बताया कि हर तरह की आपदा में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ आगे रहती है। ट्रेनों के हादसों को देखते हुए रेलवे अधिकारियों के संग मिलकर इस ड्रिल को प्लान किया गया था। यह अभ्यास पूरी तरह से सफल रहा। ऐसे अभ्यास कर दुर्घटना के समय हम जान माल के नुकसान को कम कर सकते हैं। इस दौरान एटीएम राहुल यादव, असिस्टेंट कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह, असिस्टेंट सिटी मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम, एसडीओ विपिन धामंदा, सीओ सिटी फर्स्ट धर्मेंद्र चौहान, महिपाल सिंह, प्रियंका शर्मा, डॉ. विजय वर्मा, डॉ. राखी जैन समेत सैकड़ों अधिकारी व कर्मचारियों ने योगदान दिया।