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रंग जमा रही मिर्जापुरी सीनरी, सहारनपुरी अचार-मुरब्बे की धूम

शाहनवाज अली गाजियाबाद खादी उत्सव-2021 में उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों के हस्तशिल्पी अपनी कला का नमूना प्रस्तुत कर रहे हैं। इन्हीं में से उत्तर प्रदेश के जनपद मिर्जापुर से कपड़ा जूट ऊन और सूत से निर्मित कपड़े की सीनरी रंग जमा रही है। देशभर के विभिन्न राज्यों के अलावा इनका निर्यात श्रीलंका मलेशिया समेत विभिन्न देशों में किया जा रहा है। वहीं सहारनपुर जनपद की स्टाल पर आम नींबू करेला लहसुन से लेकर मशरूम का अचार व मुरब्बा यहां के लोगों को खूब भा रहा हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 09:02 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 09:02 PM (IST)
रंग जमा रही मिर्जापुरी सीनरी, सहारनपुरी अचार-मुरब्बे की धूम
रंग जमा रही मिर्जापुरी सीनरी, सहारनपुरी अचार-मुरब्बे की धूम

शाहनवाज अली, गाजियाबाद : खादी उत्सव-2021 में उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों के हस्तशिल्पी अपनी कला का नमूना प्रस्तुत कर रहे हैं। इन्हीं में से उत्तर प्रदेश के जनपद मिर्जापुर से कपड़ा, जूट, ऊन और सूत से निर्मित कपड़े की सीनरी रंग जमा रही है। देशभर के विभिन्न राज्यों के अलावा इनका निर्यात श्रीलंका, मलेशिया समेत विभिन्न देशों में किया जा रहा है। वहीं सहारनपुर जनपद की स्टाल पर आम, नींबू, करेला, लहसुन से लेकर मशरूम का अचार व मुरब्बा यहां के लोगों को खूब भा रहा हैं। मिर्जापुरी सीनरी व वाल हैंगिग की खूब मांग: जनपद मिर्जापुर की कपड़े की सीनरी और वाल हैंगिग की काफी मांग है। जनपद के छोटे से गांव खमरिया निवासी परिवार के पुश्तैनी काम को बबलू आगे बढ़ा रहे हैं। कविनगर रामलीला मैदान में आयोजित खादी उत्सव-2021 में वे जूट, काटन वूलन और सिल्क से हस्तनिर्मित सीनरी और वाल हैंगिग का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे स्थानीय लोगों द्वारा खूब सराहा जा रहा है। उनके गांव से यह सीनरी देशभर के विभिन्न राज्यों के अलावा श्रीलंका, मलेशिया आदि देशों में निर्यात हो रही हैं। सीनरी यहां 250 से 1500 रुपये तक की कीमत में उपलब्ध है। सहारनपुरी मशरूम अचार है खास : खादी उत्सव-2021 में आए जनपद सहारनपुर के चंदरपाल अपने पुत्र सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु के साथ खास तरह के मशरुम अचार लेकर आए हैं। इसके अलावा उनकी स्टाल में करेला, लहसुन, आम, नींबू समेत विभिन्न प्रकार के अचार उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश खादी बोर्ड की ओर से वर्ष 2019 में राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वह वर्ष 1998 से अचार-मुरब्बे का काम कर रहे हैं। उनके अचार और मुरब्बे की मांग उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अलावा उत्तराखंड, पंजाब और बिहार में है। वह कई बार मंडल व जनपदीय खादी प्रदर्शनी में पुरस्कार पा चुके हैं। यहां भी उनके उत्पाद के स्वाद को खासा सराहा जा रहा है।

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