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साकार होने वाला है बलिदानी कारसेवकों का सपना

जासं गाजियाबाद श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में बहुत सारे कारसेवकों ने बलिदान दिया था। इनमें से

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 08:22 PM (IST)
साकार होने वाला है बलिदानी कारसेवकों का सपना
साकार होने वाला है बलिदानी कारसेवकों का सपना

जासं, गाजियाबाद : श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में बहुत सारे कारसेवकों ने बलिदान दिया था। इनमें से तीन बलिदानी गाजियाबाद के भी थे। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। इस दिन करोड़ों रामभक्तों के साथ जिन कारसेवकों ने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में बलिदान दिया था, उनका सपना साकार होने वाला है। गाजियाबाद से जगदीश नगर निवासी डॉ. ओम प्रकाश जोशी, पंडित रूपलाल शर्मा और सुदेश शर्मा ने रामजन्म भूमि आंदोलन में बलिदान दिया था।

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भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर श्रीराम जी का भव्य मंदिर बने, इसके लिए 1990 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा निकाली थी। गाजियाबाद से भी सैकड़ों कारसेवकों की गिरफ्तारियां हुई। प्राविधिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष बलदेव राज शर्मा बताते हैं कि पहले जत्थे में दिनेश चंद्र गर्ग, डॉ. ओम प्रकाश जोशी, लाला बुध प्रकाश गर्ग, बनवारी लाल, तेलु राम कंबोज और अरविद चौधरी थे। सभी को गिरफ्तार करके सहारनपुर की जेल में बंद किया गया। अगले जत्थे में बलदेव राज शर्मा, डॉ. रमेश चंद तोमर के साथ अक्टूबर में और भी काफी कारसेवक वहां पहुंच गए। पूरी जेल का वातावरण राम में हो गया और पूरी जेल में नारे गूंजने लगे- 'कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे'। 1990 में जब अयोध्या में कोठारी बंधुओं का बलिदान हो गया तो पूरे देश के कारसेवक अयोध्या पहुंचने लगे। गाजियाबाद से जनसंघ के वरिष्ठ नेता डॉ. ओम प्रकाश जोशी, पंडित रूपलाल शर्मा और उनकी पत्नी भी कारसेवक बस से अयोध्या के लिए रवाना हुए। शाहजहांपुर में बस का एक्सीडेंट हो गया। बस में चार कारसेवकों की मौके पर ही मृत्यु हो गई। गाजियाबाद जगदीश नगर के निवासी डॉ. ओम प्रकाश जोशी, रूप लाल शर्मा और उनकी पत्नी सुदेश शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए। कुछ दिन में ही उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद नेहरू नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर से चार दिसंबर 1992 में बस जानी थी। सभी कारसेवक बस में सवार हो चुके थे तभी अयोध्या से फोन द्वारा खबर मिली कि अयोध्या में देश के कोने-कोने से लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंच चुके हैं और अयोध्या में पैर रखने की भी जगह नहीं बची। इसलिए और कारसेवक ना भेजे जाए। ऐसे में वे भी अयोध्या न जा सके।


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