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लाकडाउन में गई नौकरी तो मकान मालकिन के खाते से निकाल लिए 2.89 लाख

ठगी की जानकारी होने पर पीड़िता ने नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:28 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 07:28 PM (IST)
लाकडाउन में गई नौकरी तो मकान मालकिन के खाते से निकाल लिए 2.89 लाख
लाकडाउन में गई नौकरी तो मकान मालकिन के खाते से निकाल लिए 2.89 लाख

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : लाकडाउन में नौकरी चली गई तो 18 साल पुराने किरायेदार ने वृद्ध मालकिन के दो बैंक खातों से 2.89 लाख रुपये निकाल लिए। पीड़िता आरोपित को लेनदेन के लिए अपने साथ बैंक ले जाती थी। ठगी की जानकारी होने पर पीड़िता ने नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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पेटीएम में जोड़े पैसे : नगर कोतवाल संदीप सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित सरोज है, जो मूलरूप से बिहार का रहने वाला है। सरोज बचपन से ही माता-पिता के साथ बालूपुरा निवासी इंद्रा देवी के मकान में रहता है। बीते साल उसके माता-पिता गांव लौट गए। तब से वह पत्नी व दो भाइयों के साथ इंद्रा के मकान में रहता था। निजी कंपनी में कार्यरत सरोज की लाकडाउन में नौकरी चली गई थी। इंद्रा की बेटी निधि सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने बताया कि मां पैसे जमा कराने या निकासी के लिए सरोज को साथ ले जाती थीं। इस दौरान उनका मोबाइल और डेबिट कार्ड सरोज के पास रहता था। बीते हफ्ते उन्हें जरूरत पड़ी तो पीएनबी से 20 हजार रुपये निकालने गईं। अगले दिन दूसरा खाता चेक किया तो उसमें जमा 1.94 लाख रुपये भी गायब थे। बैंक अधिकारियों ने बताया कि इसी साल 20 अप्रैल से 27 मई के बीच 5-10 हजार रुपये की दर्जनों ट्रांजक्शन किए गए हैं। पीएनबी से डेबिट कार्ड के जरिये 95 हजार रुपये और एसबीआइ से यूपीआइ के जरिये 1.94 लाख रुपये पेटीएम वालेट में जोड़े गए हैं। गबन के पैसों से बन गया व्यापारी

निधि का कहना है कि बिना नौकरी के भी सरोज ने लाकडाउन के दौरान एपल की मैकबुक, स्कूटी व एलईडी टीवी खरीद ली। इतना ही नहीं आरोपित ने बेसन व आटे की सप्लाई का भी व्यापार शुरू कर दिया। उन्हें शक तो हुआ, लेकिन कुछ बोली नहीं। इंद्रा ने खातों से पैसे निकलने का पता चला तो नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सरोज को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो थोड़ी सी सख्ती के बाद उसने रुपये निकालने की बात कुबूल कर ली। सरोज ने बताया कि नौकरी जाने से तंगी आ गई थी। अपने पेटीएम वालेट में उसने इंद्रा का डेबिट कार्ड सेव कर लिया और पहली बार पांच हजार रुपये जोड़े। किसी को पता नहीं चला तो वह बार-बार रुपये जोड़ने लगा। हर बार ट्रांजक्शन के दौरान वह इंद्रा का मोबाइल बहाने से ले लेता था। ट्रांजक्शन के बाद ओटीपी और ट्रांजक्शन का मैसेज डिलीट कर देता था।


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