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सात लाख रुपये हड़पने के लिए मार डाला दोस्त, दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता गाजियाबाद थाना सिहानी गेट क्षेत्र के नंदग्राम में बंद कमरे से मृत अवस्था में मि

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 07:23 PM (IST)
सात लाख रुपये हड़पने के लिए मार डाला दोस्त, दो गिरफ्तार
सात लाख रुपये हड़पने के लिए मार डाला दोस्त, दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: थाना सिहानी गेट क्षेत्र के नंदग्राम में बंद कमरे से मृत अवस्था में मिले व्यक्ति की हत्या उनके दो दोस्तों ने ही की थी। पुलिस ने 24 घंटे से भी पहले मामले का पर्दाफाश कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपित को दोस्त के खाते में सात लाख रुपये की जानकारी हो गई थी। इसके अलावा पत्नी के उससे संबंध होने से भी वह खफा था। रुपये हड़पने और बदला लेने को पार्टी के नाम पर बुलाकर आरोपितों ने गला दबाकर हत्या कर दी। एसपी सिटी प्रथम अभिषेक वर्मा ने बताया कि अलीगढ़ के पाली मुकीमपुर थानाक्षेत्र में बनुपुरा निवासी पुष्पेंद्र यादव उर्फ मोहन और कासगंज सोरो थानाक्षेत्र में रहने वाले रामेश्वर को गिरफ्तार किया गया है। दोनों घूकना में किराये पर रहते थे।

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यह था मामला

नंदग्राम की आदर्श कालोनी स्थित सत्यप्रकाश के मकान के भूतल पर बने कमरे से 10 दिसंबर की शाम एक शव मिला था। शव चार दिन पुराना था, जिसकी पहचान एटा के पिलुआ थानाक्षेत्र में कपरेटा निवासी मुनेश यादव के रूप में हुई थी। श्रीराम पिस्टंस में कार्यरत मुनेश घूकना में किराये पर रहते थे। सत्यप्रकाश के मुताबिक मोहन चार दिसंबर को उनके पास किराये पर कमरा लेने के लिए आया था। उसी दिन वह चाबी ले गया, लेकिन पहचान-पत्र या आधार कार्ड नहीं दिया था। 10 दिसंबर को प्रथम तल पर रहने वाले रहीसुद्दीन ने बदबू आने पर उन्हें सूचना दी। शव मिलने के बाद सत्यप्रकाश के बेटे गोविद ने मोहन के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दो साल से थे परिचित

सीओ द्वितीय अवनीश कुमार ने बताया कि मोहन और रामेश्वर मजदूरी करते हैं और मुनेश के घूकना में रहने के कारण परिचित हो गए थे। मुनेश ब्याज पर पैसे भी देते थे। उन्होंने मोहन को पांच हजार रुपये दिए थे। तीनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना था। सीओ के मुताबिक मुनेश के मोहन की पत्नी से संबंध बन गए थे, जिस कारण मोहन उससे खफा हो गया था। कुछ समय पहले मुनेश ने मोहन को अपने बैंक खाते की पासबुक अपडेट कराने को दी तो मोहन को पता चला कि मुनेश के खाते में सात लाख रुपये हैं। आरोप है कि मोहन ने रामेश्वर को इस बारे में बताकर करीब तीन हफ्ते पूर्व मुनेश की हत्या की साजिश रची और सत्यप्रकाश गुप्ता का कमरा किराये पर लिया। कमरे की चाबी मिलने के बाद आरोपित ने पुरानी सिम तोड़ दी थीं। छह दिसंबर को की हत्या

मोहन और रामेश्वर ने किराये पर लिए कमरे में छह दिसंबर को पार्टी के नाम पर मुनेश को बुलाया। यहां तीनों ने दोपहर के समय बियर और शराब पी। इसी दौरान दोनों ने मुनेश से उनके खाते का एटीएम कार्ड और पिन पूछा। इन्कार करने पर आरोपितों ने जबरदस्ती की। मुनेश मौके से जाने लगे तो आरोपितों ने मारपीट की और गला दबाकर हत्या कर दी।


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