बचपन के दोस्त ने धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर की शादी, अब दिया तीन तलाक
जब महिला ने पूजा-पाठ करना शुरू किया तो आरोपित ने तीन तलाक दे दिया।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बचपन के दोस्त ने धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर धर्म परिवर्तन करा शादी की और जब महिला ने पूजा-पाठ करना शुरू किया तो आरोपित ने तीन तलाक दे दिया। पीड़िता की ओर से कोर्ट के आदेश पर थाना कविनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। एसएचओ नागेंद्र चौबे ने बताया कि सेक्टर-23 निवासी वसीम हुसैन, उसके भाई अमीर हुसैन और रिश्तेदार बकार हुसैन के खिलाफ केस दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
कविनगर क्षेत्र की एक सोसायटी में रहने वाली पीड़िता ने बताया कि वसीम पांचवीं क्लास से उनके साथ पढ़ता था। आठ साल पहले दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगीं। जनवरी-2016 में वसीम ने पीड़िता का धर्म परिवर्तन करा निकाह कर लिया। साथ ही उन्हें भरोसा दिलाने को कोर्ट मैरिज की, जिसमें लिखा कि वह अपने धर्म के हिसाब से पूजा-पाठ कर सकती हैं। दोनों का एक पुत्र भी है। वसीम अल्जीरिया की एक कंपनी में टेलीकाम इंजीनियर है और फिलहाल लाकडाउन के चलते अपने पिता के घर रहता है। शादी के समय वसीम मलेशिया की एक कंपनी में तैनात था। पीड़िता भी एक माह तक मलेशिया में उसके साथ रही थी, लेकिन वहां आरोपित ने उन्हें समय नहीं दिया। इस कारण वह लौट आईं। पीड़िता के पिता की मौत के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए घर पर हिदू रीति-रिवाज के अनुसार आयोजन किए तो आरोपित विरोध करने लगा। साथ ही गाली-गलौज भी की। दहेज की भी करता है मांग
पीड़िता ने बताया कि वसीम ने दोनों के नाम संयुक्त रूप से फ्लैट खरीदा था। अब इसकी ईएमआइ भी देनी बंद कर दी। महिला का कोई भाई न होने के कारण आरोपित ने पिता का मकान बेचकर पैसे लाने का दबाव बनाया। इससे इन्कार करने पर आरोपित ने सितंबर-2020 में डाक के माध्यम से एफिडेविट भेज तीन तलाक दे दिया। इसमें पीड़िता के पूजा-पाठ करने का भी जिक्र किया है। इसमें अमीर और बकार का नाम गवाह के रूप में दर्ज है।