मधुबन-बापूधाम में भूखंडों की कीमतें बढ़ाने पर फिलहाल विराम
मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना के भूखंडों की बढ़ी हुई कीमतें फिलहाल लागू नहीं होंगी। जीडीए बोर्ड ने प्रस्तावित बढ़ी कीमतों पर असहमति जताते हुए उसे खारिज कर दिया है। बोर्ड ने निर्णय किया है कि जीडीए अधिकारी मुआवजा राशि जोड़ कर नए सिरे से कीमतों के पुनर्निर्धारण का प्रस्ताव तैयार करें। आवंटित आवासीय भूखंडों की कीमत ज्यादा न बढ़ाई जाए। औद्योगिक व्यवसायिक स्कूल और नए नियोजित किए गए भूखंडों की कीमत में ज्यादा इजाफा किया जाए। बैठक से पहले आवंटियों ने जीडीए के गेट पर बढ़ी कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया था।
जासं, गाजियाबाद : मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना के भूखंडों की बढ़ी हुई कीमतें फिलहाल लागू नहीं होंगी। जीडीए बोर्ड ने प्रस्तावित बढ़ी कीमतों पर असहमति जताते हुए
उसे खारिज कर दिया है। बोर्ड ने निर्णय किया है कि जीडीए अधिकारी मुआवजा राशि जोड़ कर नए सिरे से कीमतों के पुनर्निर्धारण का प्रस्ताव तैयार करें। आवंटित आवासीय भूखंडों की कीमत ज्यादा न बढ़ाई जाए। औद्योगिक, व्यवसायिक, स्कूल और नए नियोजित किए गए भूखंडों की कीमत में ज्यादा इजाफा किया जाए। बैठक से पहले आवंटियों ने जीडीए के गेट पर बढ़ी कीमतों के विरोध में प्रदर्शन किया था।
जीडीए ने मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में 40 से 450 वर्ग मीटर के कुल 2316 आवासीय भूखंड काटे थे। उनमें से 762 भूखंड किसानों के लिए आरक्षित किए गए थे। बचे हुए 1554 भूखंडों को तीन स्कीम निकाल कर आवंटित किया गया था। आवंटन पत्र में यह शर्त लगाई गई थी कि भू-अर्जन के कारण योजना की लागत बढ़ती है तो उसकी वसूली आवंटियों से की जाएगी। जिन लोगों ने पूरी कीमत अदा कर दी थी, उन्हें भी इसी शर्त पर रजिस्ट्री की गई थी। ताकि, कोई कानूनी दांव-पेंच में न फंसे। उस वक्त 11800 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से आवासीय भूखंडों का आवंटन किया था। अब जाकर जीडीए ने मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना की 1234 एकड़ भूमि अधिग्रहित करने के लिए किसानों को दिए 1850 करोड़ रुपये मुआवजे की राशि जोड़ कर आवंटित और गैर आवंटित भूखंडों की कीमत का पुनर्निर्धारण किया। आवंटित भूखंडों की कीमत 11800 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से बढ़ाकर 19350 रुपये वर्ग मीटर करना प्रस्तावित किया गया। ऐसे में आवंटियों को 7550 रुपये प्रति वर्ग मीटर कीमत अतिरिक्त देनी पड़ती। गैर आवंटित भूखडों की कीमत 22 हजार से बढ़ाकर 32 हजार 25 रुपये प्रति वर्ग मीटर करना प्रस्तावित किया गया था। बोर्ड बैठक शुरू होने से पहले बृहस्पतिवार को यहां के आवंटियों ने जीडीए के बाहर कीमतें बढ़ाने के विरोध में प्रदर्शन किया। इस पर कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने बोर्ड बैठक से पहले मधुबन-बापूधाम की प्रस्तावित बढ़ी कीमतों के संबंध में अलग से बैठक की। पहले पूरी तरह प्रकरण को समझा। बाद में बोर्ड में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई। पार्षद सदस्यों ने कीमतों पर एतराज जताया। अंत में तय हुआ कि फिलहाल प्रस्तावित बढ़ी कीमतों को लागू नहीं किया जाएगा। नए सिरे से कीमतों का पुनर्निर्धारण करना होगा। गांव कैला में अर्जित भूमि के बदले भूखंड देने का मामला शासन को रेफर
जीडीए ने गांव कैला में वर्ष 1968 में मनोहरलाल नामक व्यक्ति से 16431.01 वर्ग मीटर भूमि अधिग्रहित की थी। वर्ष 1969 में इस भूमि पर जीडीए ने कब्जा लिया। अधिग्रहण नियमावली के तहत उन्हें 6572.40 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की जानी थी। इसके सापेक्ष जीडीए ने वर्ष 1975 में मनोहरलाल को 6562.29 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई। जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया। दोबारा से नेहरूनगर तृतीय में भूमि आवंटित की गई, उसमें से उन्होंने 2281.171 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के नौ भूखंडों का विकास व्यय जमा कराकर उसके पंजीकृत कराया। शेष 4291.229 वर्ग मीटर भूमि का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। बृहस्पतिवार को शेष भूमि आवंटन का प्रस्ताव जीडीए बोर्ड बैठक में रखा गया। जिसे शासन को रेफर कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास की भूमि होगी डिनोटिफाई
शाहपुर मोरटा में मेसर्स स्टार रियलकॉन प्राइवेट लिमिटेड ने प्रधानमंत्री आवास बनाने के लिए औद्योगिक भूमि को आवासीय में परिवर्तित कराया था। बिल्डर फर्म ने जीडीए को इसके एवज में धनराशि जमा नहीं कराई और औपचारिताएं पूरी नहीं की। इस कारण जीडीए वीसी ने स्वीकृत मानचित्र निरस्त कर दिया था। अब भूमि को डिनोटिफाई करके दोबारा से औद्योगिक में दर्ज करने का प्रस्ताव बोर्ड ने पारित किया है।