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मैडम! हाईटेंशन लाइन के नीचे भूखंड पर दुकान बनाने को तैयार नहीं मिस्त्री

मैडम! जीडीए ने मुझे हाईटेंशन लाइन के नीचे दुकान का भूखंड बेच दिया है। वहां कोई मिस्त्री निर्माण करने के लिए तैयार नहीं हो रहा। यह पीड़ा गोविदपुरम निवासी ऋषिपाल सिंह की है जो उन्होंने जीडीए उपाध्यक्ष को शिकायती पत्र भेज बयां की है। भूखंड सरेंडर करने की इच्छा जताई है। उसमें मांग की है कि उन्हें उनकी जमा धनराशि वापस कर दी जाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 07:26 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 06:06 AM (IST)
मैडम! हाईटेंशन लाइन के नीचे भूखंड पर दुकान बनाने को तैयार नहीं मिस्त्री
मैडम! हाईटेंशन लाइन के नीचे भूखंड पर दुकान बनाने को तैयार नहीं मिस्त्री

आशीष गुप्ता, गाजियाबाद

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मैडम! जीडीए ने मुझे हाईटेंशन लाइन के नीचे दुकान का भूखंड बेच दिया है। वहां कोई मिस्त्री निर्माण करने के लिए तैयार नहीं हो रहा। यह पीड़ा गोविदपुरम निवासी ऋषिपाल सिंह की है, जो उन्होंने जीडीए उपाध्यक्ष को शिकायती पत्र भेज बयां की है। भूखंड सरेंडर करने की इच्छा जताई है। उसमें मांग की है कि उन्हें उनकी जमा धनराशि वापस कर दी जाए।

ऋषिपाल ने बताया कि तीन साल पहले गोविदपुरम के एएस ब्लॉक में दुकान बनाने के लिए 24.24 वर्ग मीटर का भूखंड खरीद था। इस भूखंड पर बेटे के लिए दुकान बनवानी थी। बेचते वक्त जीडीए ने नहीं बताया कि भूखंड हाईटेंशन लाइन के नीचे है। मौके पर देखा तो मालूम हुआ कि भूखंड के आसपास से तीन हाईटेंशन लाइनें जा रही हैं। उन्होंने बताया कि फिर भी दुकान का निर्माण कराने का प्रयास किया गया। कई मिस्त्रियों ने भूखंड देखने के बाद यह कहकर निर्माण कार्य करने से मना कर दिया कि यहां करंट लगने का खतरा है। उन्होंने बताया कि वह भूखंड लेकर फंस गए हैं। उनका आरोप है कि जीडीए ने ग्रीन बेल्ट की जमीन पर उनका भूखंड काटा है। नियमानुसार हाईटेंशन लाइन के नीचे मकान और दुकान के लिए भूखंड नहीं काटे जा सकते। उन्होंने बताया कि मधुबन-बापूधाम में हाईटेंशन लाइन के नीचे भूखंड नियोजित करने पर हाल में जीडीए को एक जगह ले-आउट बदलना पड़ा था। वहां ग्रीन बेल्ट बनानी पड़ी थी। लोन लेकर किया भुगतान

ऋषिपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने नीलामी में बोली लगाकर 41 लाख 21 हजार 188 रुपये में दुकान खरीदी थी। अब तक 32 लाख रुपये जीडीए में जमा किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 11 लाख 77 हजार रुपये स्टेट बैंक से लोन लेकर दिए हैं। ऐसे में बैंक को भुगतान का बोझ भी परेशान कर रहा है। निचले स्तर पर नहीं हुई सुनवाई

दुकान के भूखंड से समस्या को लेकर ऋषिपाल सिंह ने सबसे पहले 10 नवंबर 2017 को जीडीए में शिकायत की थी। इसके बाद भी पांच शिकायतें की गईं। समस्या का निस्तारण नहीं हुआ। अब उन्होंने इस मामले में जीडीए उपाध्यक्ष से शिकायत करने के साथ शासन को भी पत्र भेजा है। ऋषिपाल सिंह को बेचे गए भूखंड का प्रकरण सामने आया है। उनकी समस्या को दूर कराने का प्रयास किया जाएगा।

- संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए


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