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दिल्ली-एनसीआर से लग्जरी कार चोरी करने वाले गिरोह का राजफाश

जागरण संवाददाता इंदिरापुरम थाना पुलिस ने सोमवार रात अटल चौक वसुंधरा के पास से दिल्ली-एनस

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 07:25 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 07:25 PM (IST)
दिल्ली-एनसीआर से लग्जरी कार चोरी करने वाले गिरोह का राजफाश
दिल्ली-एनसीआर से लग्जरी कार चोरी करने वाले गिरोह का राजफाश

जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम : थाना पुलिस ने सोमवार रात अटल चौक वसुंधरा के पास से दिल्ली-एनसीआर में ऑन डिमांड लग्जरी कार चुराने वाले शातिर चोरों के गिरोह के सरगना सहित चार सदस्यों को दबोच लिया। उनके पास से दिल्ली से चोरी की गई ब्रेजा कार, तीन तमंचा, तीन कारतूस व चाकू बरामद हुआ है। सरगना 25 हजार रुपये का इनामी बदमाश है। गिरोह सौ से ज्यादा लग्जरी कारें चोरी कर चुका है।

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पुलिस क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम अंशु जैन ने बताया है कि सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे अटल चौक पर इंदिरापुरम थाना के प्रह्लादगढ़ी पुलिस चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक नरपाल सिंह अपनी टीम के साथ चेकिग कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक ब्रेजा कार सवार संदिग्धों को रुकने का इशारा किया, तो वह मुड़कर भागने लगे। पुलिस टीम ने घेराबंदी कर थोड़ी दूर पर ही उन्हें पकड़ लिया। कार में चार युवक सवार मिले। उसमें से तीन तमंचा, तीन कारतूस और चाकू बरामद हुआ। कड़ाई से पूछताछ में पता चला कि यह शातिर वाहन चोर है। इनामी सरगना गिरफ्तार: इंदिरापुरम थाना प्रभारी निरीक्षक संजीव शर्मा ने बताया है कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान रिकू ठकराल उर्फ राहुल नितिन भाटिया उर्फ रिकू पंजाब निवासी दादरी गौतमबुद्ध नगर, अजय कुमार उर्फ मोनू निवासी देहरादून, सौरभ सिंह उर्फ राजा निवासी जहांगीरपुरी दिल्ली व महेंद्र सिंह निवासी परीक्षितगढ़ मेरठ के रूप में हुई। रिकूं गिरोह का सरगना है। उस पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उसके खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न थानों में 30 मुकदमे दर्ज हैं। महेंद्र के खिलाफ आठ, सौरभ व अजय के विरूद्ध तीन-तीन मुकदमें दर्ज हैं। मिनटों में पार करते थे कार : पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपित बहुत ही शातिर हैं। सरगना रिकू खुद चोरी करने जाता था। लग्जरी कारों का लॉक पांच से सात मिनट में खोलकर उन्हें पार कर देता था। चोरी के बाद उन्हें पार्किग व अन्य खाली स्थानों पर खड़ी कर उस पर नजर रखता था। उसका मानना रहता था कि यदि जीपीएस लगा होगा, तो मालिक कार तक पहुंच जाएगा। सप्ताह भर तक यदि कार तक कोई नहीं पहुंचता था, तो उसे बेच देते थे।


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