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हत्यारे दंपती को आजीवन कारावास

ईसी एक्ट कोर्ट ने युवक की हत्या करने वाले पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दंपति पर कोर्ट की जज वीना चौधरी ने 15- 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। शुक्रवार को अदालत ने राजेश्वर हत्याकांड में अभियुक्त नीरज शर्मा और उसकी पत्नी अनीता शर्मा को दोषी ठहराया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 07:44 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 07:44 PM (IST)
हत्यारे दंपती को आजीवन कारावास
हत्यारे दंपती को आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : ईसी एक्ट कोर्ट ने युवक की हत्या करने वाले पति-पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दंपती पर कोर्ट की जज वीना चौधरी ने 15- 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। शुक्रवार को अदालत ने राजेश्वर हत्याकांड में अभियुक्त नीरज शर्मा और उसकी पत्नी अनीता शर्मा को दोषी ठहराया था।

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लोकेश कुमार ने बताया कि यह हत्याकांड में 2014 में लोनी में हुआ था। उन्होंने बताया कि दिल्ली के प्रिटिग प्रेस कारोबारी 24 वर्षीय युवक राजेश्वर का शव 23 अप्रैल 2014 को लोनी में एक बंद कमरे में मिला था। मकान मालिक की सूचना पर पुलिस ने ताला तोड़कर कमरे से शव निकाला। मकान मालिक से पूछताछ के बाद पुलिस ने ठीक दो माह बाद मामले का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने उस कमरे में रहने वाले किरायेदार नीरज शर्मा और उसकी पत्नी अनीता शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ईसी एक्ट अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता लोकेश कुमार ने बताया कि मृतक राजेश्वर के अभियुक्ता अनीता से अच्छी दोस्ती थी। राजेश्वर ने उसे काफी रुपये देने के अलावा ज्वैलरी भी दिलवाई थी। घटना के कुछ दिन पहले से वह इसे लौटाने का तकादा कर रहा था। इसी बात से नाराज होकर महिला ने उसे घर में बहाने से बुलवाया और पति के साथ हत्या करने के बाद कमरा बंद कर फरार हो गए थे। दो महीने बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अनाथालय में पल रहे दंपती के तीन बच्चे

जिस समय दोनों ने घटना को अंजाम दिया था, दंपती के दो वर्ष, चार व छह वर्ष के तीन बच्चे थे। घटना के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया तो रिश्तेदारों ने भी तीनों बच्चों की परवरिश से किनारा कर लिया। बाद में पुलिस ने तीनों बच्चों को अनाथालय में भेज दिया। वर्तमान में भी तीनों बच्चों की परवरिश वहीं पर हो रही है। सबसे बड़ा बेटा अब 10 वर्ष का हो चुका है जबकि छोटा छह वर्ष का हो गया है। इन बच्चों की पढ़ाई भी अनाथालय के माध्यम से ही चल रही है।

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