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गालंद में लैंडफिल साइट बनाकर होगा कूड़े का निस्तारण

स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान हो रही किरकिरी से बचने गालंद में वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट के लिए खरीदी गई भूमि पर सेनेटरी लैंडफिल साइट बनाने का निर्णय लिया गया है। जीडीए और नगर निगम संयुक्त रूप से इस कार्य में जुट गया है। वहां तक कूड़ा पहुंचाने के लिए एप्रोच रोड बनाने के लिए दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। ¨सचाई विभाग की जमीन पर रोड बनाई जाएगी। सोमवार को इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया गया। जीडीए के इंजीनियर और तहसीलदार गालंद गए थे। फरवरी में अंत रोड तैयार कर यहां कूड़ा डलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 07:59 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 07:59 PM (IST)
गालंद में लैंडफिल साइट बनाकर होगा कूड़े का निस्तारण
गालंद में लैंडफिल साइट बनाकर होगा कूड़े का निस्तारण

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान हो रही किरकिरी से बचने गालंद में वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट के लिए खरीदी गई भूमि पर सेनेटरी लैंडफिल साइट बनाने का निर्णय लिया गया है। जीडीए और नगर निगम संयुक्त रूप से इस कार्य में जुट गया है। वहां तक कूड़ा पहुंचाने के लिए एप्रोच रोड बनाने के लिए दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। ¨सचाई विभाग की जमीन पर रोड बनाई जाएगी। सोमवार को इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया गया। जीडीए के इंजीनियर और तहसीलदार गालंद गए थे। फरवरी में अंत रोड तैयार कर यहां कूड़ा डलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जब तक के लिए शहर के बीच कई जगह सेनेटरी लैंडफिल साइट बनाने के लिए जमीन लीज पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए आसपास के जिलों में विकास प्राधिकरण, नगर निगम और नगर पालिकाओं के डं¨पग ग्राउंड पर कूड़ा भिजवाया जा रहा है।

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यूपी स्टेट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिट¨रग कमेटी ने 16 जनवरी से सिद्धार्थ विहार स्थित प्रताप विहार डं¨पग ग्राउंड में कूड़ा डालना प्रतिबंधित कर दिया है। तब से नगर निगम वहां कूड़ा नहीं डाल पा रहा। शहर से रोजाना 1200 मीट्रिक टन कूड़ा निकल रहा है। उसके निस्तारण की व्यवस्था न होने के कारण शहर की सफाई व्यवस्था चौपट है। कूड़ा ठिकाने नहीं लग पा रहा तो निगम ने कई जगह घरों से कूड़ा कलेक्शन बंद कर दिया। डलावघरों और मैटेरियल फैसिलिटी सेंटर से भी कूड़ा नहीं उठ रहा। इधर, स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है। ऐसे में शहर की किरकिरी हो रही थी। शहर की छवि को बिगड़ने से बचाने के लिए जीडीए ने नगर निगम को रास्ता सुझाया है कि गालंद में पांच एकड़ भूमि पर सेनेटरी लैंडफिल साइट तैयार कर दी जाए। जिसमें निगम और जीडीए के क्षेत्र का कूड़ा डाल कर उससे खाद बनाई जाए। ताकि, पर्यावरण को हानि न पहुंचे। दोनों के बीच सहमति बनने पर जीडीए ने हापुड रोड से गालंद में खरीदी गई जमीन तक पहुंचने के लिए एप्रोच रोड बनाने की कवायद शुरू कर दी है। नहीं आएगी बदबू

सेनेटरी लैंडफिल साइट पर वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निस्तारण होगा। मिट्टी खोद कर गड्ढा किया जाएगा। उसमें कूड़े को फैलाकर उस पर एंजाइम्स डाले जात हैं। फिर उस पर मिट्टी की परत बिछा दी जाती है। ऐसे ही परत दर परत कूड़ा रोजाना डलता रहता है। कुछ ही दिनों में कूड़ा खाद में तब्दील हो जाता है। एंजाइम्स कूड़े की बदबू को खत्म कर देते हैं। खाद को खेत, बागवानी में इस्तेमाल किया जा सकता है। सूखे कूड़े का निस्तारण करने के लिए कई एनजीओ से बात हो चुकी है। वह सूखे कूड़े से विभिन्न उत्पाद बनाएंगी। वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट में लगेगा वक्त

गालंद में वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगने में दो साल का वक्त लगेगा। इसके लिए 35 एकड़ भूमि खरीद ली गई है। अभी तक निगम प्लांट लगवाने के लिए एजेंसी फाइनल नहीं कर पाया। दो कंपनियों के बीच मामला फंसा हुआ है। भारतीय कंपनी ने 10 मेगावाट के प्लांट की डीपीआर बनवाई थी। बाद में शासन के निर्देश पर नीदरलैंड की कंपनी से 45 मेगावाट डीपीआर बनाने को कह दिया। इस कंपनी को डीपीआर बनाने में समय लगेगा। उससे पहले प्लांट डिजाइन करने के लिए कूड़े की कैलोरिफिक वैल्यू का पता लगाना होगा। तब डीपीआर बन पाएगी। लगे कूड़े के ढेर दो दिन में हटाने का दावा

नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण के लिए कई संस्थाओं की मदद से प्रयास शुरू कर दिए हैं। फिर भी शहर में कई जगहों पर कूड़े के ढेर बाकी हैं। खासतौर पर डलावघरों और मैटेरियल फैसिलिटी सेंटर से कूड़ा नहीं उठ रहा है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पाई है। निगम अधिकारियों का कहना है कि दो दिन में व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। फिर शहर में पहली जैसी सफाई नजर आएगी। निगम शहर के लोगों से अपील कर रहा है कि वह भी घरों से कम कूड़ा बाहर निकालें। इससे निगम को कूड़े का प्रबंधन करने में आसानी होगी।

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शक्तिखंड-चार में मार्च खत्म करना डं¨पग ग्राउंड

इंदिरापुरम का कूड़ा निस्तारित करने की जिम्मेदारी जीडीए की है। इस इलाके का कूड़ा शक्तिखंड-चार में बनी डं¨पग साइट पर डाला जाता है। एनजीटी के निर्देश पर इस डं¨पग ग्राउंड को खत्म करने की तैयारी चल रही है। फरवरी अंत तक गालंद में कूड़ा भेजना शुरू हो जाएगा। मार्च में डं¨पग साइट की जमीन को साफ करा दिया जाएगा।

गालंद में वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट के लिए खरीदी गई जमीन पर सेनेटरी लैंडफिल साइट बनाकर कूड़ा निस्तारित किया जाएगा। निगम और जीडीए वहीं कूड़ डालेगा। वहां तक कूड़ा पहुंचाने के लिए एप्रोच रोड बनाने की दिशा में काम शुरू करा दिया गया है।

- कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए जब तक वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट नहीं बनता, तब तक वहां सेनेटरी लैंडफिल साइट बनाकर कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। जीडीए के साथ इसे लेकर सहमति बनी है। इसके अलावा कई जगह सेनेटरी लैंडफिल साइट बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। आसपास के जिलों में भी कूड़ा भिजवाया जा रहा है।

- सीपी ¨सह, नगर आयुक्त


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