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रैपिड रेल का डिपो बनाने के लिए मधुबन-बापूधाम में मांगी जमीन

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना में नया मोड़ आ गया है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने दुहाई में प्रस्तावित डिपो को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर मंथन शुरू कर दिया है। किसानों के विरोध के चलते वैकल्पिक योजना बनाई जा रही है। किसान अधिसूचना में निर्धारित की गई दरों पर जमीन देने को तैयार नहीं है। नौकरी दिए जाने समेत कई शर्तें किसानों ने रखी हैं। उसे पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी सहमत नहीं है। इस पेंच को खत्म करने के लिए एनसीआरटीसी डिपो बनाने के लिए दूसरी जगह जमीन तलाश रहा है। शुक्रवार को इनके अधिकारियों ने जीडीए वीसी कंचन वर्मा से मुलाकात कर मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में डिपो के लिए 50 हेक्टेयर जमीन देने का मौखिक प्रस्ताव रखा। जीडीए वीसी ने उन्हें कहा है कि वह लिखित प्रस्ताव दें।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 08:48 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:07 AM (IST)
रैपिड रेल का डिपो बनाने के लिए मधुबन-बापूधाम में मांगी जमीन
रैपिड रेल का डिपो बनाने के लिए मधुबन-बापूधाम में मांगी जमीन

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना में नया मोड़ आ गया है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने दुहाई में प्रस्तावित डिपो को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर मंथन शुरू कर दिया है। किसानों के विरोध के चलते वैकल्पिक योजना बनाई जा रही है। किसान अधिसूचना में निर्धारित की गई दरों पर जमीन देने को तैयार नहीं है। नौकरी दिए जाने समेत कई शर्तें किसानों ने रखी हैं। उसे पूरा करने के लिए एनसीआरटीसी सहमत नहीं है। इस पेंच को खत्म करने के लिए एनसीआरटीसी डिपो बनाने के लिए दूसरी जगह जमीन तलाश रहा है। शुक्रवार को इनके अधिकारियों ने जीडीए वीसी कंचन वर्मा से मुलाकात कर मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में डिपो के लिए 50 हेक्टेयर जमीन देने का मौखिक प्रस्ताव रखा। जीडीए वीसी ने उन्हें कहा है कि वह लिखित प्रस्ताव दें।

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रैपिड रेल परियोजना के दुहाई डिपो के लिए इसी वर्ष जुलाई में तीन गांवों की 67.0523 हेक्टेयर जमीन अधिसूचित की गई थी। दुहाई की 3.6725 हेक्टेयर, भिक्कनपुर गांव की 37.8798 हेक्टेयर और बसंतपुर सैंथली गांव की 25.50 हेक्टेयर जमीन डिपो के लिए चाहिए थी। दुहाई की सामान्य कृषि भूमि की दर 11 हजार रुपये, लिक मार्ग पर कृषि भूमि की दर 13200 रुपये और आबादी से सटी कृषि भूमि की दर 16500 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई थी। भिक्कनपुर के लिए सामान्य कृषि भूमि की दर छह हजार रुपये, लिक मार्ग पर कृषि भूमि की दर नौ हजार रुपये और आबादी में कृषि भूमि की दर 10 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर दर तय की गई थी। बसंतपुर सैंथली के लिए सामान्य कृषि भूमि की दर 8000 रुपये और लिक मार्ग पर स्थित कृषि भूमि के लिए 9200 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर निर्धारित हुई थी। एनसीआरटीसी को किसानों से इस दर पर जमीन की सीधी खरीद करनी थी। किसान इस दर पर जमीन को देने के सहमत नहीं हुए। किसानों का कहना था कि खेती ही उनकी आय का मुख्य स्त्रोत है। रैपिड रेल डिपो के लिए कृषि भूमि देने पर वह बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने मांग रखी थी कि उनके परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दी जाए। किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इस कारण एनसीआरटीसी डिपो बनाने का काम शुरू नहीं कर पा रहा। एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर शर्मा का कहना है कि कॉरिडोर की कमिशनिग के लिए डिपो बनाना प्राथमिकता है। किसानों से जमीन खरीद की प्रक्रिया काफी धीमी है। इस परियोजना को समय से पूरा करने के लिए डिपो का निर्माण वक्त से करना होगा। उसी में रैपिड रेल खड़ी होगी, मेंटेंनेंस कार्य होगा। किसानों से बात नहीं बनती तो उसके लिए वैकल्पिक योजना बनाना जरूरी है। उसके लिए ही दूसरी जगह जमीन की तलाश की जा रही है। मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना में जीडीए द्वारा अधिग्रहित जमीन है। उसमें जमीन मिल जाए तो प्रोजेक्ट को समय से पूरा करना आसान हो जाएगा। उसी सिलसिले में एनसीआरटीसी अधिकारी जीडीए वीसी कंचन वर्मा से वार्ता करने गए थे।

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बदलना पड़ेगा मधुबन-बापूधाम का ले-आउट

रैपिड रेल के डिपो के लिए जमीन देने का फैसला लेने में जीडीए को वक्त लग सकता है। एक जगह 50 हेक्टेयर जमीन चिह्नित करने के लिए जीडीए को मधुबन-बापूधाम आवासीस योजना का ले-आउट बदलना होगा। कई औद्योगिक इकाईयों समेत कई तरह के भूखंड खत्म करने होंगे। केवल मूलभूत सुविधाओं के लिए ही जमीन रखी जाएगी। जीडीए अधिकारियों ने एनसीआरटीसी के अधिकारियों से कहा है कि वह 50 हेक्टेयर से कम भूमि पर डिपो बनाने की वैकल्पिक योजना भी बनाएं। जिससे कम जमीन मिलने पर भी वहां डिपो बनाया जा सके। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि कॉमर्शियल रेट पर एनसीआरटीसी को जमीन दी जाएगी। जोकि, 65250 रुपये प्रति वर्ग मीटर है।

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साहिबाबाद से दुहाई के बीच 2023 तक दौड़ानी है रैपिड रेल

दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल कॉरिडोर 82 किलोमीटर लंबा है। पूरे कॉरिडोर को वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। मेरठ में इसी कॉरिडोर पर मेट्रो रेल दौड़ाने की योजना है। चार पैकेज में इस कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के कॉरिडोर का निर्माण वर्ष 2023 तक पूरा करके इस पर रैपिड रेल का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। इतने हिस्से में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशन बनाए जाएंगे। एक डिपो भी इसी बीच बनेगा। जो अभी तक दुहाई में प्रस्तावित है।

रैपिड रेल के प्रस्तावित स्टेशन

दिल्ली : सराय कालेखां, न्यू अशोक नगर, आनंद विहार

गाजियाबाद : साहिबाबाद, गाजियाबाद (मेरठ तिराहा), गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदीनगर साउथ, मोदीनगर नॉर्थ

मेरठ : मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल, मोदीपुरम

प्रोजेक्ट से जुड़े फैक्ट्स

- कुल 30,274 करोड़ रुपये आएगी लागत

- रैपिड रेल में होंगे अधिकतम नौ कोच

- रैपिड रेल की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी, न्यूनतम 100 किलोमीटर

एनसीआरटी ने मधुबन-बापूधाम में रैपिड रेल का डिपो बनाने के लिए जमीन मांगी है। मौखिक प्रस्ताव रखा है। एनसीआरटीसी अधिकारियों को कहा गया है कि वह लिखित प्रस्ताव दें। एक जगह 50 हेक्टेयर जमीन देने के लिए ले-आउट में परिवर्तन करना पड़ेगा।

- कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए


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