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अस्पतालों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की: जिलाधिकारी

जासं गाजियाबाद संक्रमण काल में मरीजों के उपचार में लापरवाही बरतने वाले और शासनादेश क

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 11:03 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 11:03 PM (IST)
अस्पतालों पर प्राथमिकी दर्ज कराने  की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की: जिलाधिकारी
अस्पतालों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की: जिलाधिकारी

जासं, गाजियाबाद : संक्रमण काल में मरीजों के उपचार में लापरवाही बरतने वाले और शासनादेश का पालन न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की जिम्मेदारी अस्पतालों के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों की है। शुक्रवार को जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने यह स्पष्ट किया है। अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर नोडल अधिकारी अब विधिक राय लेने की तैयारी में हैं, जिससे केस कमजोर न पड़े।

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कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले बढ़े तो अस्पतालों में मरीजों के उपचार में लापरवाही भी हुई। बेड खाली होने के बाद भी अस्पतालों ने बेड फुल होने की बात बताई। मरीजों से उपचार के नाम पर तय शुल्क से ज्यादा वसूली की। इस तरह के अब तक 36 केस सामने आ चुके हैं। अस्पतालों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। जिलाधिकारी का कहना है कि अस्पतालों द्वारा जो अतिरिक्त शुल्क लिया गया है, वह वापस किया जा रहा है। इसके अलावा जिन अस्पतालों पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने के आसार बने हैं, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की जिम्मेदारी नोडल अधिकारियों की है। ऐसे में अब मामला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बीच नहीं अटकेगा, क्योंकि प्रशासन द्वारा जांच कर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट अब तक स्वास्थ्य विभाग के पास भेजी जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग ने एक अस्पताल का पंजीकरण निरस्त किया है और एक अस्पताल का पंजीकरण निलंबित किया है। लेकिन किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करवाई है।


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