¨सचाई विभाग ने नहीं दी अनुमति, अटकी सस्ते फ्लैटों की योजना
आवास विकास परिषद (आविप) की सिद्धार्थ विहार योजना में निम्न आय वर्ग के लिए बनाए जाने वाले करीब साढ़े तीन हजार फ्लैटों की योजना फिलहाल अधर में लटकती दिखाई दे रही है। दरअसल, ¨सचाई विभाग ने फिलहाल प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए फ्लैट देने से इंकार कर दिया है। कांशीराम योजना से सटी जमीन पर आने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना फिलहाल टलती दिखाई दे रही है।
जागरण संवाददाता, वसुंधरा (गाजियाबाद) : आवास विकास परिषद (आविप) की सिद्धार्थ विहार योजना में निम्न आय वर्ग के लिए बनाए जाने वाले करीब साढ़े तीन हजार फ्लैटों की योजना फिलहाल अधर में लटकती दिखाई दे रही है। दरअसल, ¨सचाई विभाग ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए फ्लैट देने से इन्कार कर दिया है।
सिद्धार्थ विहार योजना में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैटों का निर्माण लंबे समय से प्रस्तावित है। इसे लेकर पिछले दिनों आविप ने शासन से जमीन की मांग की थी। इसके बाद ¨सचाई विभाग की 21 एकड़ जमीन परिषद को देने का निर्णय किया गया था। यह जमीन कांशीराम योजना के सामने स्थित है। जमीन पर चार मंजिला मकान बनाए जाने हैं।
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¨सचाई विभाग ने सर्वे से रोका
पिछले दिनों आविप की टीम जमीन का सर्वे करने पहुंची थी। सूत्रों की मानें तो टीम को ¨सचाई विभाग के कर्मचारियों ने सर्वे करने से रोक दिया। इसके साथ ही आला अधिकारियों की मंजूरी का पत्र लाने को कहा। इसके बाद अब बिना सर्वे के आविप अंतिम प्रस्ताव मुख्यालय नहीं भेज पा रहा है। इसे लेकर प्रोजेक्ट अटका हुआ है। आविप शासन और ¨सचाई विभाग के आला अधिकारियों से संपर्क साधने में जुटा है।
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करीब साढ़े चार लाख रहेगी कीमत
फ्लैटों की कीमत करीब साढ़े चार लाख रुपये के आसपास रहेगी। आविप को इसकी निर्माण लागत के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार से भी फंड मिलेगा। इसके बाद गरीब वर्ग के लोगों को इन फ्लैटों को बेचा जाएगा। आविप के अधिकारियों के अनुसार, प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 175 करोड़ रुपये आएगी। दो साल में फ्लैटों का निर्माण पूरा कर आवंटियों को कब्जा दे दिया जाएगा।
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मंडोला में भी प्रस्तावित है योजना
उधर, आविप की मंडोला योजना में भी प्रधानमंत्री आवास योजना के करीब पांच हजार फ्लैट बनाए जाने हैं। इनके निर्माण के लिए शासन से मंजूरी मिल गई है। नवरात्र के आसपास ही फ्लैटों का भी रजिस्ट्रेशन खोला जा सकता है। हालांकि, मंडोला में आवास विकास के पूर्व में बने फ्लैट ही नहीं बिक पा रहे हैं। ऐसे में इस योजना के फ्लैट बेचना चुनौती होगा।
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जमीन के लिए ¨सचाई विभाग से बातचीत जारी है। जल्द ही सहमति बनते ही सर्वे कर योजना का काम शुरू किया जाएगा। आला अधिकारियों से इस संबंध से बातचीत जारी है।
- एलएम पांडेय, अधिशासी अभियंता, आवास विकास परिषद