एसडीओ समेत तीन विद्युतकर्मियों के मामले में जांच रिपोर्ट एमडी को सौंपी
शहर के होटल में बड़े पैमाने पर चल रही विद्युत चोरी मामले में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (पीवीवीएनएल) के प्रबंध निदेशक ने एसडीओ समेत तीन कर्मियों को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। इस मामले में अभियंता संघ केंद्रीय कार्यालय लखनऊ के आह्वान पर प्रदेश भर के जनपदों में विद्युत निगम कार्यालयों पर प्रदर्शन हुए जिसके बाद बनी तीन सदस्यीय जांच समिति ने मामले की रिपोर्ट एमडी विद्युत को सौंप दी है जिस पर अब फैसला आना बाकी है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : शहर के होटल में बड़े पैमाने पर चल रही विद्युत चोरी मामले में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (पीवीवीएनएल) के प्रबंध निदेशक ने एसडीओ समेत तीन कर्मियों को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। इस मामले में अभियंता संघ केंद्रीय कार्यालय लखनऊ के आह्वान पर प्रदेश भर के जनपदों में विद्युत निगम कार्यालयों पर प्रदर्शन हुए, जिसके बाद बनी तीन सदस्यीय जांच समिति ने मामले की रिपोर्ट एमडी विद्युत को सौंप दी है, जिस पर अब फैसला आना बाकी है।
बता दें कि विद्युत निगम की ओर से बिजली चोरी पकड़ने के लिए मोबाइल नंबर, टोल फ्री नंबर जारी करने के साथ ही विद्युत वितरण निगम ने ऑनलाइन पोर्टल आरंभ किए हैं, जिन पर कोई भी व्यक्ति समस्या के साथ ही विद्युत चोरी के मामले में शिकायत दर्ज करा सकता है। ऑनलाइन पोर्टल पर किसी ने शहर के केशव होटल में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की सूचना दी थी। इस पर प्रबंध निदेशक विद्युत आशुतोष निरंजन ने अधिशासी अभियंता के नेतृत्व में विद्युत कर्मियों की टीम भेजकर चेकिग कराई, जिसमें चेकिग के दौरान होटल में बड़े पैमाने पर विद्युत चोरी मिली थी। इसकी रिपोर्ट मिलने पर एमडी की ओर से मामले में दोषी विद्युत कर्मियों की गुपचुप तरीके से जांच कराई गई, जिसमें काफी अनियमितताएं मिली थीं। इस मामले में एसडीओ आदित्य कुमार, टीजी-2 नंदकिशोर व कार्यालय सहायक दीपक कुमार को होटल संचालक से मिलीभगत का दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया था। कार्रवाई को लेकर अभियंता संघ लखनऊ की केंद्रीय इकाई के आदेश पर सभी जनपदों में एसडीओ ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद एमडी विद्युत की ओर से अधीक्षण अभियंता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर रिपोर्ट सौंपने को कहा। इस मामले में जांच कमेटी ने रिपोर्ट बनाकर एमडी विद्युत को सौंप दी है। अब इस मामले में फैसला आना बाकी है।