अधर में फंसी शिखर एंक्लेव मामले की जांच
आवास विकास परिषद आविप की पहली बहुमंजिला योजना शिखर एंक्लेव में घटिया निर्माण और देरी से निर्माण के मामले में अभी भी जांच अधर में लटकी है। चार माह पूरा होने के बाद भी मुख्यालय से मामले में संज्ञान नहीं लिया गया है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ से चार्जशीट आने के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, वसुंधरा: आवास विकास परिषद आविप की पहली बहुमंजिला योजना शिखर एंक्लेव में घटिया निर्माण और देरी से निर्माण के मामले में अभी भी जांच अधर में लटकी है। चार माह पूरा होने के बाद भी मुख्यालय से मामले में संज्ञान नहीं लिया गया है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ से चार्जशीट आने के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आविप ने वर्ष 2011 में अपनी पहली बहुमंजिला इमारतों की योजना शिखर एंक्लेव को वसुंधरा सेक्टर-15 लांच किया था। यहां दो और तीन बेडरूम वाले कुल 216 फ्लैट का निर्माण किया गया है। वर्ष 2013 में फ्लैटों का कब्जा देना था लेकिन आलम यह है कि अभी तक सोसायटी में कई काम अधूरे पड़े हैं। मामले में कुछ दिनों पूर्व रियल एस्टेट रेग्युलेटर अथॉरिटी की ओर से परिषद अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। हालांकि अभी भी सामुदायिक भवन, स्वी¨मग पूल और वाहनों की पार्किंग का निर्माण अधूरा है। कुछ माह पहले परिषद ने लोगों को फ्लैट का कब्जा भी दे दिया। मजबूरी में आवंटी यहां रहने लगे। उनका आरोप है कि निर्माण में घटिया सामग्री, खराब टाईल्स और घटिया तारों का प्रयोग किया गया है। वहीं जांच में सामने आया कि बिना काम के ही अधिकारियों ने ठेकेदार को 58 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। इसके बाद तत्कालीन अधिशासी अभियंता राजीव कुमार, सहायक अभियंता एमबी कौशिक, अवर अभियंता राजीव कुमार पर कार्रवाई करते हुए उनके तबादले कर दिए गए। आवंटी वीबी वर्मा ने बताया कि दोषियों का तबादला हुआ है। घटिया निर्माण पर कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई है। निर्माण एजेंसी काम नहीं कर रही है, जिससे यहां रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। उधर, संयुक्त आवास आयुक्त महेंद्र प्रसाद ने बताया कि मुख्यालय से चार्जशीट मिलते ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेज दी है।