रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए पहली लाचिंग गैंट्री पिलर पर स्थापित
दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के लिए बृहस्पतिवार को पहली लॉन्चिग गैंट्री पिलर पर स्थापित की गई। इसे लॉन्चिग गर्डर भी कहते हैं। इसकी मदद से निर्मित सेगमेंट को जोड़कर रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर के वायाडक्ट का निर्माण किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद :
दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर के निर्माण के लिए बृहस्पतिवार को पहली लांचिंग गैंट्री पिलर पर स्थापित की गई। इसे लांचिंग गर्डर भी कहते हैं। इसकी मदद से निर्मित सेगमेंट को जोड़कर रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर के वायाडक्ट का निर्माण किया जाएगा।
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने बताया कि लांचिंग गैंट्री को स्थापित करने के बाद साहिबाबाद स्थित कास्टिग यार्ड से निर्मित सेगमेंट को ट्रक में रखकर निर्माण स्थल तक तक लाया जाएगा। वहां इसे पिलर के ऊपर रखकर वायाडक्ट का निर्माण किया जाएगा। वायाडक्ट का डिजाइन रीजनल रैपिड रेल की रफ्तार को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा। जिससे रैपिड रेल अपनी अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़े तो वायाडक्ट उसका वजन और फोर्स सहन कर सके। अधिकारियों ने बताया कि साहिबाबाद से दुहाई के बीच पहले चरण के 17 किलोमीटर के रीजनल रैपिड रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। लॉकडाउन में मिली छूट के चलते यह संभव हो पाया है। उन्होंने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अपना कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। स्वास्थ्य जांच और थर्मल स्क्रीनिग के बाद निर्माण स्थल पर कर्मचारी काम शुरू करते हैं। उनके लिए मास्क, सैनिटाइजर, साबुन की पूरी व्यवस्था की गई है।
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लांचिंग गैंट्री को पिलर पर असेंबल किया जाना रैपिड रेल परियोजना को तय समय और लागत में पूरा करने की तरफ महत्वपूर्ण कदम है। कास्टिग यार्ड में सेगमेंट का निर्माण लगातार जारी है। लांचिंग गैंट्री की असेंबली का काम पूरा होने पर कास्टिग यार्ड से निर्मित सेगमेंटों को साइट पर लाया जाएगा और पिलर के ऊपर उनको रखकर जोड़ते हुए वायाडक्ट का निर्माण किया जाएगा।
- सुधीर शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआरटीसी