Move to Jagran APP

विद्युत मीटर पैनल में आग स्वत: बुझाने के लिए लगवाएं सीओटू गैस फ्लडिग सिस्टम : सुनील कुमार सिंह

जीवन परिचय - गाजियाबाद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह का जन्म सात अप्रैल 1971 को फै

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 06:53 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 06:53 PM (IST)
विद्युत मीटर पैनल में आग स्वत: बुझाने के लिए लगवाएं सीओटू गैस फ्लडिग सिस्टम : सुनील कुमार सिंह
विद्युत मीटर पैनल में आग स्वत: बुझाने के लिए लगवाएं सीओटू गैस फ्लडिग सिस्टम : सुनील कुमार सिंह

जीवन परिचय -

loksabha election banner

गाजियाबाद के मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह का जन्म सात अप्रैल 1971 को फैजाबाद (अब अंबेडकर नगर) जिले में हुआ। उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अंबेडकर नगर में पूरी करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक की शिक्षा हासिल की। पिता सत्य नारायण सिंह प्रधानाध्यापक से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। तीन बेटों में बड़ा पुत्र गौरव सिंह भारतीय सेना में कैप्टन है। छोटा पुत्र शशांक सिंह इंजीनियरिग की पढ़ाई करने के बाद सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं। सुधांशु सिंह इंजीनियरिग का छात है। सन 1997 में अग्निशमन विभाग में भर्ती होने के बाद जनपद फतेहपुर, जौनपुर, देवरिया वाराणसी में अग्निशमन अधिकारी के रूप से सेवाएं दे चुके हैं। सन 2015 में मुख्य अग्निशमन अधिकारी के पद पर पदोन्नति के बाद गौतमबुद्धनगर और आगरा में सेवाएं दीं। अगस्त 2017 से गाजियाबाद में नियुक्त हैं। अब तक के सेवाकाल में उत्कृष्ट व वीरतापूर्वक असाधारण प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति का वीरता के लिए गैलेंट्री मेडल, राष्ट्रपति का सराहनीय सेवा पदक व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के प्रशंसा चिह्न सिल्वर मेडल व गृह मंत्रालय भारत सरकार पुलिस महानिदेशक सिविल डिफेंस फायर के प्रशंसा चिह्न से अलंकृत किए जा चुके हैं।

वर्तमान में अग्निशमन विभाग आग, कोरोना और वायु प्रदूषण से जंग लड़ रहा है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह स्वजन सहित खुद भी कोरोना की चपेट में आए। उनका चालक व अन्य अग्निशमनकर्मी भी कोरोना से संक्रमित हुए, लेकिन किसी ने हार नहीं मारी और कोरोना को मात देकर दोबारा से नई ऊर्जा के साथ काम शुरू किया। इस बीच कई मकानों, फैक्ट्रियों व गोदामों में आग लगी। छोटे प्लाटों पर बने फ्लैटों की सीढि़यों के पास बनाए गए विद्युत मीटर के पैनल बाक्सों में आग लगी तो लोग फंस गए। अग्निशमनकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर सूझबूझ से लोगों को सकुशल बाहर निकालकर आग पर काबू पाया। इन दिनों वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने आपरेशन त्रिनेत्र शुरू किया है। इसका उन्हें नोडल अधिकारी बनाया गया है। आग, कोरोना, वायु प्रदूषण व आपरेशन त्रिनेत्र को लेकर अग्निशमन विभाग की तैयारियों पर दैनिक जागरण के अवनीश मिश्र ने मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह से विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश--- - आप स्वजन सहित कोरोना से संक्रमित हुए थे। कौन-कौन उपाय बरत कर सभी स्वस्थ हुए और लोगों को क्या संदेश देना चाहते हैं?

- कोरोना से पूरे परिवार सहित संक्रमित होने पर केंद्र और प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन का पालन करते हुए सभी लोग स्वस्थ होकर दोबारा अपना-अपना काम कर रहे हैं। लोगों से अपील है कि कोरोना की वैक्सीन आने तक सरकार की गाइड लाइन का पालन करें। - इस समय कोरोना के साथ वायु प्रदूषण की भी समस्या है। अग्निशमन विभाग इनसे निपटने में क्या योगदान दे रहा है?

- कोरोना के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए करीब सात हजार स्थानों पर सैनिटाइजेशन का कार्य किया गया। इससे काफी लाभ मिला। वायु प्रदूषण कम करने की दिशा में विभाग पूरा सहयोग कर रहा है। कूड़े आदि में आग लगने की सूचना पर पहुंचकर फौरन उस पर काबू पाया जाता है। आवश्यकतानुसार पेड़-पौधों पर जमीं धूल की धुलाई की जाती है। - जिले में चलाए जा रहे आपरेशन त्रिनेत्र के आप नोडल अधिकारी भी हैं। यह आपरेशन आम जनता के लिए कितना लाभदायक है?

- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी की ओर से जनपदवासियों की सुरक्षा और आपराधिक घटनाओं के त्वरित खुलासा किए जाने के उद्देश्य से यह आपरेशन चलाया जा रहा है। इस आपरेशन के तहत पूरे जनपद को सीसीटीवी कैमरों से लैस करना है। लोग स्वयं रूचि लेकर सीसीटीवी कैमरे लगवा रहे हैं। अब तक लगभग 800 लोगों ने सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। - लोग छोटे-छोटे प्लाटों पर बने फ्लैटों में निकासी के रास्ते पर ही विद्युत मीटरों का पैनल बना देते हैं। आग लगने पर लोग फंस जाते हैं। इस पर विभाग की तरफ से क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

- छोटे प्लाट पर फ्लैटों व मकानों में भी लोग आग से बचाव के प्रबंध रखें। विद्युत मीटरों के पैनल में होने वाले अग्निकांड में वृद्धि हुई है। लोगों से अपील है कि विद्युत मीटर पैनल में आग स्वत: बुझाने के लिए सीओटू गैस फ्लडिग सिस्टम लगवाएं। इससे आग लगने पर स्वयं ही बुझ जाएगी। धन व जनहानि नहीं होगी।

- गाजियाबाद में बहुमंजिली इमारतें बड़ी संख्या में हैं। इन इमारतों में अग्निशमन संयंत्रों की खराबी की शिकायत अक्सर आती रहती हैं। इसे दूर करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है?

- बहुमंजिला इमारतों में लगे अग्निशमन संयंत्रों का विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से निरीक्षण कराया जाता है। यदि खराबी मिलती है तो उन्हें ठीक कराने का सुझाव दिया जाता है। लोगों को अग्निशमन संयंत्रों का प्रयोग कर आग बुझाने के उपायों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। - रिहायशी मकानों में व्यावसायिक गतिविधियों से अग्निकांड होते हैं। क्या कार्रवाई की जा रही है?

- रिहायशी मकानों में व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने के संबंध में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण व नगर निगम द्वारा कार्रवाई की जा रही है। - देखने में आता है कि ज्यादातर अग्निकांड शार्ट सर्किट से होते हैं। इससे कैसे बचा जा सकता है?

- शार्ट सर्किट से अग्निकांड की रोकथाम हेतु अपील है कि लोग आइएसआइ मार्क विद्युत उपकरणों का ही प्रयोग करें। एमसीवी, एलसीवी अवश्य लगवाएं। घर से बाहर जाने पर पूरे घर की विद्युत लाइन बंद करके जाएं। - जिले में कई कालोनियों की गलियां बहुत ही संकरी हैं। इन स्थानों पर लगने वाली आग को नियंत्रित करने की क्या व्यवस्थाएं हैं?

- संकरी गलियों की आग बुझाने के लिए विभाग के पास छोटे फायर टेंडर उपलब्ध हैं। एक मोटरसाइकिल दस्ता भी है, जिसे बढ़ाने के लिए मुख्यालय से मांग की गई है। - जनपद में औद्योगिक इकाइयों की संख्या काफी है। यदि उनमें आग से बचाव के उपायों की जांच होती तो इस साल कितने में कमी पाई गई है? उन पर क्या कार्रवाई हुई है?

- औद्योगिक इकाइयों में अग्निकांड के रोकथाम के लिए स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने सांसद निधि से दो फोम टेंडर उपलब्ध कराए गए हैं। इससे अग्निकांड पर तत्काल प्रभावी नियंत्रण पाने में मदद मिल रही है। पहले हमें इसके लिए नोएडा व दिल्ली के भरोसे रहना पड़ता था। अभियान चलाकर औद्योगिक इकाइयों में अग्नि सुरक्षा के उपायों की जांच की गई। जहां कमियां मिलीं, उन्हें दूर करने के लिए पत्र प्रेषित किया गया है। अग्नि सुरक्षा उपायों का व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए माकड्रिल भी की जा रही है। इससे होने वाली जन धन की क्षति में काफी कमी आई है। - लोगों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेनी हो तो क्या प्रक्रिया अपनाएं?

- लोगों की सुविधा के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की संपूर्ण प्रक्रिया को आनलाइन करते हुए सिगल विडो निवेश मित्र पोर्टल से जोड़ दिया गया है। गत दो वर्षो से सभी प्रकार के अनापत्ति प्रमाण पत्र आनलाइन ही निर्गत किए जा रहे हैं, जिसकी मुख्यालय व शासन द्वारा लगातार समीक्षा भी की जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.