गोद में मासूम की किलकारी, निभा रहीं पद की जिम्मेदारी
जागरण संवाददाता गाजियाबाद कहते हैं बच्चे के लिए मां का दर्जा भगवान से भी ऊपर होता है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कहते हैं बच्चे के लिए मां का दर्जा भगवान से भी ऊपर होता है। ममता के आंचल में किलकारी मारता बच्चा जीवन के उन अनमोल पलों को जीता है, जो उसकी जिदगी में दोबारा कभी नहीं आता। मां भी आने वाली हर मुसीबत से न केवल उसे बचाए रखती है, बल्कि उसकी हर जरूरत का ख्याल रखती है। ऐसे में अपने कामकाजी जीवन की अत्यंत व्यस्त दिनचर्या से तारतम्य बिठाना कितना मुश्किल भरा हो सकता है, इसका अंदाजा मोदीनगर तहसील (गाजियाबाद, उप्र) की उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सौम्या पांडेय को देखकर लगाया जा सकता है। आगे बढ़कर हर जिम्मेदारी निभाई
मूलरूप से प्रयागराज की रहने वाली सौम्या पांडेय वर्ष 2017 बैच की आइएएस अधिकारी हैं। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशिक्षण अकादमी मसूरी की गोल्ड मेडलिस्ट सौम्या को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी प्रजेंटेशन देने का मौका मिल चुका है। देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह उन्हें रक्षा मंत्रालय में सहायक सचिव के रूप में तीन माह की तैनाती के दौरान किए गए विशेष कार्यों के लिए पुरस्कृत कर चुके हैं। अक्टूबर, 2019 में सौम्या को गाजियाबाद के मोदी नगर में एसडीएम के पद पर तैनाती मिली। कोरोना संकटकाल के दौरान जुलाई 2020 को सौम्या गाजियाबाद में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी के साथ पूरे जिले की कोविड मानिटरिग सेल का भी प्रभारी बनाया गया। यह जिम्मेदारी उन्हें ऐसे समय में मिली, जब वह मां बनने वाली थीं। रोजाना जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों से समन्वय करने की जिम्मेदारी सौम्या पांडेय ने बखूबी निभाई। मातृत्व के साथ पद की जिम्मेदारी का भी अहसास
आज जब पूरी दुनिया कोविड-9 महामारी से जूझ रही है, ऐसे में बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार और चिकित्सकों की ओर से दिशा-निर्देश है कि वे कम से कम बाहर निकलें, लेकिन सौम्या पांडेय ने पूरी एहतियात बरतते हुए अपने फर्ज को भी निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह अपनी तीन सप्ताह की बेटी के साथ इस समय अपने पद के दायित्व का निर्वाह बखूबी कर रही हैं। कैंप कार्यालय में काम के दौरान उनकी बेटी हमेशा उनके साथ ही होती है। इससे पहले सौम्या ने प्रसव के समय आठ से 30 सितंबर तक मात्र 23 दिन की छुट्टी ली थी। 17 सितंबर को उन्होंने सिजेरियन सर्जरी से बेटी को जन्म दिया और इसके बाद एक अक्टूबर को डीएम के आदेश पर दोबारा से मोदीनगर एसडीएम का प्रभार संभाल लिया। उनकी एक फोटो भी सोशल मीडिया पर इस समय खूब वायरल हो रही है। फोटो में वह बेटी को गोद में लेकर कार्यालय में दस्तावेज का निरीक्षण कर रही हैं। उनके इस प्रयास की चौतरफा सराहना भी हो रही है। सौम्या कहती हैं कि वह एक मां होने के साथ-साथ अधिकारी भी हैं और इसी सोच के साथ दोनों जिम्मेदारी निभा रही हैं। कत्थक नृत्य में भी महारथ है हासिल
सौम्या प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज से भरतनाट्यम व कत्थक की सीनियर डिप्लोमाधारक हैं। पंडित बिरजू महराज की शिष्या उर्मिला शर्मा से उन्होंने कत्थक सीखा है। सौम्या के पिता आरके पांडेय प्रयागराज में कंप्यूटर इंस्टीट्यूट चलाते हैं। मां साधना पांडेय स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और प्रयागराज में ही उनका सौम्या की दादी सुशीला पांडेय के नाम से नर्सिंग होम है। वर्जन..
जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। व्यक्ति चाहे तो सब कुछ कर सकता है। बशर्ते उसे अपने जीवन के समय के सदुपयोग के महत्व को समझना होगा।
-सौम्या पांडेय, एसडीएम, मोदीनगर