Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गाजियाबाद: 5जी की निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए होगा शोध, जुटेंगे नौ देशों के इंजीनियर

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 08:24 AM (IST)

    गाजियाबाद के एडवांस लेवल टेलीकॉम ट्रेनिंग सेंटर (एएलटीटीसी) में 6जी सेवा शुरू करने और 5जी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए शोध शुरू हो गया है। नौ देशों के इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे अपने देशों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और संचार सुरक्षा को मजबूत कर सकें। भारत में 5जी की निर्बाध कनेक्टिविटी और सुरक्षित संचार पर भी शोध किया जा रहा है।

    Hero Image

    हसीन शाह, गाजियाबाद। एडवांस लेवल टेलीकाम ट्रेनिंग सेंटर (एएलटीटीसी) के इंजीनियर आज यानी सोमवार से भारत में 6जी सेवा शुरू करने और 5जी की कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए शोध शुरू करेंगे। इस दौरान भारत सरकार की अनुमति पर नौ देशों के इंजीनियरों को इसे लेकर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत के सहयोग से ये देश इंटरनेट कनेक्टिविटी बेहतर और संचार सुरक्षा व्यवस्था कर सकेंगे। रविवार देर रात तक सभी नौ देशों के इंजीनियर गाजियाबाद पहुंच गए। भारत में 5जी सेवा शुरू हो गई है, लेकिन कुछ स्थानों पर लोगों को 5जी की निर्बाध कनेक्टिविटी नहीं मिल रही है। यह समस्या दूर-दूराज के इलाकों में अधिक है।

    उपभोक्ता 5जी सेवा का भुगतान करने के बाद भी 4जी जैसी कनेक्टिविटी मिल रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए एएलटीटीसी के इंजीनियर सोमवार से शोध शुरू करेंगे। जिससे इस समस्या को स्थायी रूप से दूर किया जा सके। उन कारणों पर मंथन होगा जिनकी वजह से आमतौर पर 5जी की कनेक्टिविटी नहीं मिल पा रही है। इसके बाद सेंटर द्वारा मंत्रालय को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।

    वहीं इस दौरान भारत में 6जी इंटरनेट सेवा शुरू करने पर भी शोध होगा। आत्म निर्भर भारत के भविष्य में 6जी इंटरनेट सेवा शुरू करने की तैयारी है। 6जी सेवा शुरू करने के लिए विदेशी तकनीक या उपकरणों का प्रयोग नहीं होगा। इसमें मेक इन इंडिया के तहत उपकरण और तकनीक का प्रयोग होगा। इस दौरान एएलटीटीसी के इंजीनियर नौ देशों के इंजीनियरों को सुरक्षित संचार और बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी का प्रशिक्षण देंगे।

    इन नौ देशों में लाओस (लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक), बांग्लादेश, कंबोडिया, मंगोलिया, म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, तुवालु, वियतनाम देश शामिल हैं। रविवार को इन सभी देशों के इंजीनियर गाजियाबाद एएलटीटीसी पहुंचे। यह प्रशिक्षण एएलटीटीसी के सीजीएम डा. मनीष शुक्ला के नेतृत्व में होगा।

    संचार की सुरक्षा पर होगा शोध

    सुरक्षित संचार व्यवस्था के तहत संदेश या डेटा बिना बदले, बिना चुराए और सुरक्षित रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना होता है। हैकर निजी संदेश को पढ़ लेते हैं। डाटा रास्ते में बदल दिया जाता है। इसे किस तरह सुरक्षित किया जाए इस शोध होगा।

    संचार करने वाले व्यक्ति या सिस्टम की पहचान सत्यापित करना, हैकिंग और जामिंग जैसी समस्याओं से सुरक्षा, संदेश भेजने वाला यह न कह सके कि उसने संदेश नहीं भेजा, एजेंसियों की जानकारी लीक होने से बचाना, डाटा चोरी, चैट, ईमेल, लोकेशन, बैंक विवरण आदि की सुरक्षा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, रेलवे संचार, बिजली ग्रिड, रक्षा संचार की सुरक्षा पर भी इंजीनियर शोध करेंगे।

    स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग पर भी होगा शोध

    संचार व्यवस्था में रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम का उपयोग मोबाइल नेटवर्क, वाई-फाई, सेटेलाइट, वायरलेस, एयर ट्रैफिक में किया जाता है। कुछ लोग या संस्थाएं बिना लाइसेंस फ्रीक्वेंसी का उपयोग करती हैं जो सुरक्षा और संचार दोनों के लिए खतरा हैं। स्पेक्ट्रम मानिटरिंग से इसे पकड़ा जा सकता है।

    एक गलत या शक्तिशाली सिग्नल मोबाइल नेटवर्क, हवाई यातायात, पुलिस वायरलेस जैसे महत्वपूर्ण सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग गैर-कानूनी रेडियो ट्रांसमीटर, जैमर व अन्य संदिग्ध गतिविधियों को खोजने में मदद मिलती है। इंजीनियर स्पेक्ट्रम मानिटरिंग पर भी शोध करेंगे। जिससे मानिटरिंग को बेहतर बनाया जा सके।