सड़कों पर अधूरे इंतजाम, वाहनों को दुरुस्त कर हादसों से बचें
ट्रांस ¨हडन की सड़कों कई जगह दिशा सूचक नहीं हैं। अवैध यू-टर्न बने हैं, जहां यू-टर्न के बोर्ड तक नहीं हैं। सड़कों के डिवाइडर पर बनी पट्टियां और लगाए गए रिफ्लेक्टरों पर धूल जमी हुई है। आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। सर्दी आ गई है। कोहरे से ²श्यता कम रहेगी। ऐसे में प्रशासन के अधूरे इंतजाम से लोग हादसों का शिकार हो सकते हैं। लोगों को अपने वाहनों में लाइटें, हार्न, इंडीकेटर, रिफ्लेक्टर लगवाकर कोहरे में चलने के काबिल बनाना है, जिससे हादसों से बचा जा सके।
धनंजय वर्मा, साहिबाबाद : ट्रांस ¨हडन की सड़कों पर कई जगह दिशा सूचक नहीं हैं। सड़कों के डिवाइडर पर बनी पट्टियां और रिफ्लेक्टरों पर धूल जमी हुई है। आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। प्रशासन के अधूरे इंतजाम से लोग हादसों का शिकार हो सकते हैं। लोगों को अपने वाहनों में लाइटें, हार्न, इंडीकेटर, रिफ्लेक्टर लगवाकर कोहरे में चलने के काबिल बनाना है, जिससे हादसों से बचा जा सके।
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अंधेरे में गुम सड़कें, रिफ्लेक्टर पर जमी धूल:
ट्रांस ¨हडन में एनएच-नौ पर डिवाइडर टूटे हैं, जिससे जगह-जगह अवैध कट बन गए हैं। जीटी रोड, ¨लक रोड, सीआइएसएफ, सौर ऊर्जा मार्ग के डिवाइडर पर लगे रिफ्लेक्टर, रेडियम, दिशा सूचक पर धूल जमी है, जिससे वाहनों की लाइटें पड़ने पर दिखाई नहीं देती हैं। इससे कोहरे में हादसे होने की संभावना और बढ़ जाएगी। वहीं, ट्रांस ¨हडन में राजेंद्र नगर लोहिया पार्क के सामने डीएवी स्कूल के गेट पर, दिल्ली-वजीराबाद रोड, लोनी-भोपुरा रोड, वसुंधरा, वैशाली साहिबाबाद समेत अन्य आंतरिक सड़कें पर लगी स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जिससे आए दिन हादसे और अपराध हो रहे हैं।
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कोहरे में चलने के काबिल बनाए अपने वाहन
कोहरे में दुर्घटना से बचने के लिए वाहनों रख रखाव सुनिश्चित करें। कोहरे दुश्यता के लिए वाहनों में फॉग लाइटें लगवाएं। ये लाइटें दुकान और ऑनलाइन शॉ¨पग साइट पर 350 रुपये से दस हजार रुपये तक हैं। वाहनों में अच्छी गुणवत्ता के इंडीकेटर लगवाएं, जो बाजार में डेढ़ सौ रुपये से लेकर हजारों रुपये तक मौजूद हैं। कोहरे में चलने के दौरान पार्किंग लाइटें जलाकर रखें, जिससे हादसा न हो।
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बीम लाइटें लगवाने से बचें :
कुछ लोग दृश्यता के लिए वाहनों में बीम लाइटें लगवाते हैं। यातायात सीओ रमेश तिवारी का कहना है कि ये लाइटें बहुत तेज होती हैं। इन लाइटों की रोशनी सामने वाले चालक की आंखों पर पड़ने से दिखाई नहीं देता है, जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता हैं। ऐसे में बीम लाइटें लगवाने से बचें। वाहनों में कंपनी से ही बीम लाइटों का काम करने वाली लाइटें लगी होती हैं, जिसका प्रयोग पास मांगने के लिए किया जाता है। वाहनों को ओवरटेक करते समय इस लाइट को जलाकर बंद कर दिया जाता है। आजकल बाजारों में चाइनीज बीम लाइटें, 300 रुपये से लेकर हजारों रुपये में बिक रही हैं।
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रेडियम स्टीकर जरूर लगवाएं :
सड़कों पर बसें, ऑटो, ई-रिक्शा 24 घंटे चलते हैं। डग्गामार बसे, रिक्शा, ऑटो, कैब, और जुगाड़ गाड़ी की भरमार है। इनपर आगे और पीछे दोनों तरफ रेडियम स्टीकर्स और रिफ्लेक्टर लगवाए, जिससे अन्य वाहन चालकों को कोहरे से कम ²श्यता में ये वाहन दिख जाएं और हादसा न हो। साइकिल में भी आगे पीछे रिफ्लेक्टर लगवाएं। दो सौ रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक रिफ्लेक्टर टेप हैं। ऑनलाइन या दुकान से टेप खरीदा जा सकता है।
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एयरबैग की जांच कराएं :
अब अधिकांश कारों में कंपनी से ही एयरबैग लगी हुई आ रही हैं। कई बाहर हल्की टक्कर के एयरबैग की हवा निकल जाती है। इसके जानकारी चालक को नहीं होती है। समय-सयम पर इसकी जांच कराते रहें कि क्या एयरबैग ठीक है या नहीं।
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तेज रफ्तार से न चलाएं वाहन :
कोहरे में कम ²श्यता के दौरान वाहन धीमी रफ्तार से चलाएं। साथ ही र¨नग लाइट जलाएं, जिससे दूर से ही लोगों दूसरे वाहन चालकों के आपका वाहन दिख जाए। ²श्यता कम होने पर यदि लगे की सामने कोई वाहन है तो हार्न बजाएं, वाहन के हार्न ठीक कराकर रखें। रास्ते में मुड़ते समय पीछे देखे और इंडीकेटर देने के बाद ही मुड़े। धीमी रफ्तार से चलने वाले वाहन सड़क की बायीं लेन में चलें, जिससे हादसे से बच सकें।
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यातायात माह के तहत वाहन चालकों को रिफ्लेक्टर, लाइटें, हार्न लगवाने के साथ सड़क पर सावधानी से चलने के लिए जागरूक किया जा रहा है। चे¨कग के दौरान वाहनों में इन खामियों के पाये जाने पर चालान भी काटा जाता है।
- श्याम नारायण ¨सह, एसपी ट्रैफिक