कोरोना काल में सफाईकर्मी को सुरक्षा उपकरणों के बिना नाले में उतारा
लोगों ने नगर निगम के इस काम को शर्मनाक बताया और कई ने सीएम से इसकी शिकायत भी कर दी।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : हाथ से मैला सफाई 2013 से ही प्रतिबंधित है, लेकिन गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारी इससे बेखबर लगते हैं, इसीलिए वसुंधरा जोन के वैशाली में मंगलवार को सफाई के लिए कर्मचारी को एक बड़े नाले में उतार दिया। हैरत की बात है कि इस समय कोरोना का प्रकोप जोरों पर है, इसके बावजूद बिना सुरक्षा उपकरणों के कर्मचारी को नाले में उतारा और फिर सफाई करते हुए की फोटो वाहवाही बटोरने को ट्विटर पर डाल दी, लेकिन लोगों ने नगर निगम के इस काम को शर्मनाक बताया और कई ने सीएम से इसकी शिकायत भी कर दी। मास्क तक नहीं दिया कर्मचारी को
नगर निगम क्षेत्र में मंगलवार को बड़े नाले में सफाईकर्मी को उतारकर सिल्ट निकलवाई गई। सुरक्षा कवच, ऑक्सीजन सिलेंडर और सपोर्ट के लिए रस्सी आदि तो छोड़िए इस सफाईकर्मी के पास मास्क व ग्लव्स तक नहीं थे। नगर निगम की ओर से डाली गई फोटो में यह साफ दिख रहा है। यदि नाले में कर्मचारी का पैर फिसलता तो हादसा हो सकता था। तमाम कोरोना मरीजों का प्रयोग किया पानी व थूक आदि भी इस नाले से जाता है। अधिनियम के उल्लंघन के अलावा कोरोना के संक्रमण को देखते हुए भी यह काम खतरे से भरा है। अमानवीय व शर्मनाक बताया
लोगों ने नगर निगम के इस काम के लिए आड़े हाथ लिया और जमकर खिचाई की। अभिद्रा माहेश्वरी ने लिखा कि नगर निगम की ओर से ये फोटो पोस्ट करना मूर्खतापूर्ण है। साथ ही बिना सुरक्षा उपकरणों के कर्मचारी को नाले में उतारने को अमानवीय बताया। रश्मि रहेजा ने इसे घिनौना तो मेहुल शर्मा ने शर्मनाक बताया। लोगों ने योगी आदित्यनाथ को भी अपने जवाब में टैग किया। पल्ला झाड़ने के कोशिश
सवाल किए जाने नगर आयुक्त ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि यह काम नगर निगम नहीं, बल्कि ठेकेदार करा रहा है। ऐसे में सवाल है कि क्या ठेकेदार के काम में नगर निगम की जवाबदेही नहीं है और यदि ऐसा ही है तो नगर निगम ने वाहवाही बटोरने को अपने ट्विटर हैंडल से ठेकेदार के काम की फोटो क्यों डाली? इस नाले की सफाई नगर निगम नहीं कर रहा है। यह काम ठेके पर दिया गया था। ठेकेदार को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा।
- डॉ. दिनेश चंद्र, नगर आयुक्त।