किसान आंदोलन का असर,दो जगह टोल फ्री हुआ सफर
मदन पांचाल गाजियाबाद कृषि कानून को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन
मदन पांचाल, गाजियाबाद
कृषि कानून को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के चलते ईस्टर्न-पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के दो मुख्य टोल प्लाजा पिछले 15 दिनों से बंद पड़े हुए हैं। किसानों के बवाल एवं किसी भी तरह की हिसा की आशंका के चलते दोनों टोल प्लाजा फ्री कर दिए गए हैं। टोल प्लाजा पर वाहन बिना टोल दिए जा रहे हैं। कोंडली और पलवल के टोल प्लाजा से बैरियर भी हटा दिए गए हैं। एनएचएआइ को सबसे अधिक टोल इन्हीं दो टोल प्लाजा से प्राप्त होता है। दुहाई और डासना के टोल प्लाजा पर जरूर कुछ वाहनों से टोल वसूली की जा रही है। यहां पर एनएचएआइ ने टोल वसूलने वाली कंपनी की सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस तैनात किए जाने का अनुरोध किया है। एनएचएआइ के स्थानीय अफसरों ने इस संबंध में उच्च अफसरों को अवगत करा दिया है। कई बार किसानों ने डासना और दुहाई स्थित टोल प्लाजा पर पहुंचकर टोल फ्री करा चुके हैं। ऐसे में बवाल की आशंका बढ़ जाती है।
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297 करोड़ टोल वसूली का है लक्ष्य
ईस्टर्न-पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से चालू वित्त वर्ष में 297 करोड़ टोल वसूली का लक्ष्य है। एनएचएआइ ने टोल वसूली का नया ठेका मैसर्स ईगल कंपनी को दिया है। पिछले साल 220 करोड़ टोल वसूली का ठेका दिया गया था। किसान आंदोलन के चलते कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है। बताया गया है कि प्रतिदिन करीब एक करोड़ टोल वसूली का नुकसान हो रहा है।
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135 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरते हैं वाहन
केंद्र सरकार के 135 किलोमीटर लंबे ड्रीम प्रोजेक्ट ईस्टर्न-पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर टोल देने के बाद बिना किसी जाम के वाहन खूब फर्राटा भरते हैं। छह लेन चौडे इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 11 हजार करोड़ की लागत आइ थी। मई 2018 में इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चालू किया था। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से जोड़ा गया है। कोंडली, गाजियाबाद और पलवल से गुजर रहे एक्सप्रेस-वे के चलते दिल्ली में भारी वाहनों का प्रवेश कम होने से प्रदूषण स्तर कम हुआ है।
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पंद्रह दिन से ईस्टर्न-पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के दो मुख्य टोल प्लाजा कोंडली और पलवल बंद पड़े हैं। दोनों टोल प्लाजा टोल फ्री चल रहे हैं। एक्सप्रेस-वे पर प्रतिदिन करीब एक लाख भारी एवं हल्के वाहनों का आवागमन होता है। किसान आंदोलन के चलते दोनों मुख्य टोल प्लाजा फ्री होने से भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। दुहाई और डासना पूरी तरह बंद नहीं है लेकिन टोल की वसूली यहां भी कम हो रही है।
- मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक एनएचएआइ