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बच्चे के जन्म के बाद पता चला मां एचआइवी संक्रमित, दो नर्स समेत तीन बेहोश

जिला महिला अस्पताल की दो नर्स व एक चतुर्थ श्रेणी महिलाकर्मी शुक्रवार को एचआइवी संक्रमण की आशंका के चलते घबराकर बेहोश हो गईं। मामला एचआईवी संक्रमित एक महिला की डिलीवरी का है। दरअसल, बुधवार रात एक महिला को प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया गया है कि महिला एचआईवी संक्रमित थी लेकिन महिला व उसके परिजनों ने यह बात अस्पताल के स्टाफ या डॉक्टरों को नहीं बताई। शुक्रवार सुबह अस्पताल के स्टाफ को महिला के एचआईवी संक्रमित होने की जानकारी मिली। खबर मिलते ही दो नर्स व एक महिलाकर्मी घबराकर बेहोश हो गईं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 09:38 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 09:38 PM (IST)
बच्चे के जन्म के बाद पता चला मां एचआइवी संक्रमित, दो नर्स समेत तीन बेहोश
बच्चे के जन्म के बाद पता चला मां एचआइवी संक्रमित, दो नर्स समेत तीन बेहोश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिला महिला अस्पताल की दो नर्स व एक चतुर्थ श्रेणी महिलाकर्मी शुक्रवार को एचआइवी संक्रमण की आशंका के चलते घबराकर बेहोश हो गईं। मामला एचआइवी संक्रमित एक महिला की डिलीवरी का है। दरअसल, बुधवार रात एक महिला को प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला एचआइवी संक्रमित थी लेकिन महिला व उसके परिजनों ने यह बात अस्पताल के स्टाफ या डॉक्टरों को नहीं बताई। शुक्रवार सुबह अस्पताल के स्टाफ को महिला के एचआइवी संक्रमित होने की जानकारी मिली। खबर मिलते ही दो नर्स व एक महिलाकर्मी घबराकर बेहोश हो गईं। यह है मामला

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जिले की रहने वाली एक महिला को बुधवार देर रात जिला महिला अस्पताल की इमरजेंसी डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया। उस दौरान महिला को भयंकर प्रसव पीड़ा हो रही थी। इमरजेंसी केस होने के चलते स्टाफ उसे तत्काल लेबर रूम में ले गया। वहां कुछ देर बाद उसने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद महिला के तीमारदारों ने स्टाफ को मेडिकल फाइल सौंपी। मेडिकल जांच रिपोर्ट देखने पर पता चला कि महिला एचआइवी संक्रमित थी जो दवा वह हाल में खा रही थी वह बच्चे को संक्रमण से बचाने लिए थी। डिलीवरी के दौरान बरती गई सुरक्षा : सीएमएस

महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि किसी भी डिलीवरी के दौरान उचित सुरक्षा अपनाई जाती है जो इस मामले में भी अपनाई गई थी। हां, महिला के एचआइवी संक्रमित होने का पहले से पता होता तो उसके अनुसार और बेहतर व्यवस्था की जाती। महिला और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। बच्चा संक्रमित है या नहीं, यह तीन महीने बाद होने वाली जांच से ही स्पष्ट हो सकेगा। स्टाफ के बेहोश होने की बात गलत है। एक चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मी जरूर थोड़ा घबरा गई थी। सभी को समझाया गया कि डिलीवरी के दौरान अपनाई गई सुरक्षा से संक्रमण का खतरा नहीं है। इसके बाद सभी सामान्य हो गए।


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