तत्कालीन महाप्रबंधक की जमानत अर्जी पर सुनवाई
रिश्वतकांड के आरोपित बुलंदशहर बीएसएनएल के तत्कालीन महाप्रबंधक राम विलास वर्मा की जमानत अर्जी पर सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने दलीलें पेश की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत पर फैसले के लिए 29 अगस्त की तारीख नियत की। सीबीआइ के लोक अभियोजक ने बताया कि
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : रिश्वतकांड के आरोपित बुलंदशहर बीएसएनएल के तत्कालीन महाप्रबंधक राम विलास वर्मा की जमानत अर्जी पर सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने दलीलें पेश की। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत पर फैसले के लिए 29 अगस्त की तारीख नियत की। सीबीआइ के लोक अभियोजक ने बताया कि मामला वर्ष 2016 का है। नेशनल आप्टिकल फाइबर नेटवर्क स्कीम के तहत बुलंदशहर के अलग-अलग सात ब्लाक में आप्टिकल फाइबर केबल डालने का करीब 2.35 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने के लिए गाजियाबाद की फर्म मैसर्स ईगल कंस्ट्रक्शन के मालिक पवन कुमार से रिश्वत मांगी गई। आरोप बुलंदशहर स्थित बीएसएनएल के तत्कालीन उप-महाप्रबंधक राजेंद्र ¨सह वर्मा व महाप्रबंधक राम विलास वर्मा पर है। जांच के दौरान सीबीआइ को पता चला टेंडर की कुल रकम की चार फीसद राशि महाप्रबंधक व दो फीसद राशि उप-महाप्रबंधक द्वारा मांगी जा रही थी। 19 दिसंबर 2016 को सीबीआइ ने 10 हजार रुपये रिश्वत लेते तत्कालीन उप-महाप्रबंधक राजेंद्र ¨सह वर्मा को रंगेहाथ गिरफ्तार किया। पीड़ित ठेकेदार जब महाप्रबंधक राम विलास वर्मा को उसके हिस्से की रिश्वत की आंशिक रकम 50 हजार रुपये देने पहुंचा तो उसने रिश्वत की रकम को उप-महाप्रबंधक को दिलवाई।