बनारस बम कांड में अब सुनवाई पांच अक्टूबर को
बनारस बम कांड में सुनवाई के लिए सोमवार को आरोपित आतंकी वलीउल्लाह कड़ी सुरक्षा में जिला जज गिरजेश कुमार पांडेय की अदालत में पेश हुआ, लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। अगली तारीख पांच अक्टूबर नियत की गई है। यह जानकारी बचाव पक्ष के अधिवक्ता महेश चंद ने दी। सात मार्च 2006 को वाराणसी में संकटमोचन मंदिर और रेलवे कैंट पर बम धमाके हुए थे
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बनारस बम कांड में सुनवाई के लिए सोमवार को आरोपित आतंकी वलीउल्लाह कड़ी सुरक्षा में जिला जज गिरजेश कुमार पांडेय की अदालत में पेश हुआ, लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। अगली तारीख पांच अक्टूबर नियत की गई है। यह जानकारी बचाव पक्ष के अधिवक्ता महेश चंद ने दी। सात मार्च 2006 को वाराणसी में संकटमोचन मंदिर और रेलवे कैंट पर बम धमाके हुए थे और दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम मिला था। बम धमाके में कई लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। अभियोजन की तरफ से जीआरपी कैंट धमाके में 53, संकट मोचन धमाके में 52 और दशाश्वमेध घाट मामले में 42 गवाह पेश किए जा चुके हैं।
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पेश नहीं हुआ ब्रिगेडियर जगजीत ¨सह
जासं, गाजियाबाद : आगरा के सेना भर्ती घोटाले में सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान तत्कालीन ब्रिगेडियर पेश नहीं हुआ। उसने हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र पेश किया। इसके अलावा अन्य आरोपित पेश हुए। अब सुनवाई को अगली तारीख 19 सितंबर नियत की गई है। लोक अभियोजक ने बताया कि आगरा स्थित ब्रांच रिक्रूटमेंट ऑफिस (बीआरओ) में वर्ष 1991 में सेना भर्ती में घोटाला हुआ था। सीबीआइ की देहरादून शाखा ने वर्ष 1991 में ब्रिगेडियर जगजीत ¨सह, सूबेदार हरी चंद, हवलदार क्लर्क अशोक शर्मा व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वर्ष 2000 में इस मामले में चार्जशीट पेश की गई। मामले में 25 आरोपित हैं।