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अव्यवस्थाओं पर सरकारी अस्पतालों में मरीजों का हंगामा

बेहतर सुविधाओं के लाख दावे किए जाएं लेकिन सरकारी अस्पतालों में हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। मंगलवार को संयुक्त अस्पताल और जिला एमएमजी अस्पताल में भी यही देखने को मिला। दोनों अस्पतालों में मरीजों ने हंगामा किया। संयुक्त अस्पताल में चिकित्सकों के लेट आने पर जबकि जिला एमएमजी में एक महिला ने गलत एक्स-रे किए जाने पर नाराजगी जाहिर की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 08:25 PM (IST)
अव्यवस्थाओं पर सरकारी अस्पतालों में मरीजों का हंगामा
अव्यवस्थाओं पर सरकारी अस्पतालों में मरीजों का हंगामा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बेहतर सुविधाओं के लाख दावे किए जाएं लेकिन सरकारी अस्पतालों में हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। मंगलवार को संयुक्त अस्पताल और जिला एमएमजी अस्पताल में भी यही देखने को मिला। दोनों अस्पतालों में मरीजों ने हंगामा किया। संयुक्त अस्पताल में चिकित्सकों के देर से आने पर जबकि जिला एमएमजी में एक महिला ने गलत एक्स-रे किए जाने पर हंगामा किया।

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विजयनगर निवासी पूनम मंगलवार को जिला एमएमजी अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने बताया कि गर्दन में सूजन होने के चलते ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट के पास उपचार के लिए वह पहुंची थी। डॉक्टर ने महिला को गर्दन का एक्स-रे करवाकर रिपोर्ट दिखाने को कहा। पूनम ने बताया कि एक्स-रे विभाग में टेक्नीशियन ने उनकी गर्दन की जगह नाक का एक्स-रे कर दिया और रिपोर्ट देने से भी मना कर दिया। इस पर महिला ने हंगामा कर दिया। हंगामा होते देख टेक्नीशियन ने दोबारा से महिला का एक्स-रे किया और तुरंत रिपोर्ट भी दे दी। एक्स-रे टेक्नीशियन आरके तोमर का कहना है कि एक्स-रे जानबूझकर गलत नहीं किया गया, एक्स-रे करते समय महिला हिल गई थी। इस वजह से गलती हुई। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि महिला मरीज ने लिखित में कोई शिकायत नहीं की है। लिखित में शिकायत करने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल में मरीजों ने चिकित्सकों के लेट से आने पर हंगामा कर दिया। सरकारी अस्पतालों में सुबह आठ बजे से ही मरीजों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है। मंगलवार की सुबह जिला एमएमजी अस्पताल में साढ़े नौ बजे तक भी कोई डॉक्टर अपने केबिन में नहीं पहुंचा था। सीएमएस डा. नरेश विज ने कहा कि कुछ डॉक्टर राउंड पर रहते हैं, जिससे भर्ती मरीजों को शेड्यूल के मुताबिक दवा दी जा सके।


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