स्वास्थ्य विभाग के संविदाकर्मियों की हड़ताल, टीकाकरण प्रभावित
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने समान कार्य-समान वेतन, नियमतिकरण, ठेका प्रथा पर रोक समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल से पहले दिन ही मरीजों को परेशानी हुई। अनिश्चित कालीन हड़ताल अगर जल्द न समाप्त हुई तो टीबी मरीजों और टीकाकरण अभियान में विशेष परेशानी होगी। आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थियों के कार्ड बनाए जाने का काम पूरी तरह से ठप रहा और एमआर टीकाकरण का काम भी बाधित रहा। कर्मचारियों ने सीएमओ को ज्ञापन भी सौंपा। सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता का कहना है कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में नियमित कर्मचारियों को लगाया गया है, इसके अलावा अस्पतालों में तैनात स्टाफ की छुट्टियों पर हड़ताल चलने तक रोक लगा दी गई है। प्रदेश व्यापी इस हड़ताल को उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ का भी समर्थन है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने समान कार्य-समान वेतन, नियमतिकरण, ठेका प्रथा पर रोक समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल से पहले दिन ही मरीजों को परेशानी हुई। अनिश्चित कालीन हड़ताल अगर जल्द न समाप्त हुई तो टीबी मरीजों और टीकाकरण अभियान में विशेष परेशानी होगी। आयुष्मान योजना के तहत लाभार्थियों के कार्ड बनाए जाने का काम पूरी तरह से ठप रहा और एमआर टीकाकरण का काम भी बाधित रहा। कर्मचारियों ने सीएमओ को ज्ञापन भी सौंपा। सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता का कहना है कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में नियमित कर्मचारियों को लगाया गया है, इसके अलावा अस्पतालों में तैनात स्टाफ की छुट्टियों पर हड़ताल चलने तक रोक लगा दी गई है। प्रदेश व्यापी इस हड़ताल को उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ का भी समर्थन है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर कार्यरत सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात कर्मचारियों को नियमित करने की मांग पिछले कई साल से की जा रही है, लेकिन सरकारें उनकी सुनवाई नहीं कर रहीं। संविदा कर्मचारियों से विभाग में सभी तरह के काम लिए जाते हैं, लेकिन उनका वेतन नियमित कर्मचारियों से बहुत कम है। इसके अलावा संविदा पर तैनात कर्मचारियों के लिए पेंशन का भी प्रावधान नहीं है। अपनी मांगों को संविदा कर्मचारी कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को खून से पत्र भी लिखा गया। इसके बाद भी सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। अब जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। हड़ताल में टीबी एंप्लॉएज एसोसिएशन के राष्ट्रीय महामंत्री संजय यादव, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी गौरव मिश्रा, योगेंद्र ¨सह, राजेश, पंकज ¨सह सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे। हड़ताल के चलते इन सेवाओं में हुई परेशानी
संविदा कर्मचारियों की हड़ताल से जनपद के सभी सरकारी अस्पतालों में कार्य प्रभावित रहा। जिला एमएमजी अस्पताल में भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को पर्ची बनवाने में परेशानी हुई। वहीं, संयुक्त अस्पताल में कार्यरत एक्स-रे टेक्नीशियन विवेक चौधरी की रविवार देर रात ट्रेन हादसे में मौत हो जाने से अस्पताल में कंडोलेंस होने से बंद रहा। जिला महिला अस्पताल में भी हड़ताल के चलते ओपीडी और ओटी में कार्य प्रभावित रहा।
राष्ट्रीय कार्यक्रम भी हुए ठप
आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड बनाए जाने का काम पूरी तरह से ठप रहा। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमित कर्मचारियों को इस अभियान में जोड़ा गया है। इसके अलावा एमआर टीकाकरण भी पूरी तरह से बंद रहा। इसके तहत अभी करीब सवा लाख बच्चों का टीकाकरण किया जाना है। टीबी के गंभीर मरीजों को प्रतिदिन दवाई कर्मचारियों द्वारा दी जाती है, हड़ताल के चलते मरीजों को दिक्कत होगी।
ये कर्मचारी व स्टाफ हैं हड़ताल पर
राष्ट्रीय अर्बन हेल्थ मिशन - 472
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन - 240
जिला क्षय रोग विभाग - 78 टीबी विभाग में नियमित कर्मचारियों को हड़ताल तक छुट्टियां नहीं लेने के निर्देश दिए गए हैं। जनपद में जिन स्थानों से टीबी की दवाएं दी जाती हैं, वहां भी नियमित स्टाफ को प्रतिदिन जांच करने और दवाएं मुहैया करवाने के निर्देश दिए गए हैं। हड़ताल से टीबी मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
डॉ. जेपी श्रीवास्तव, जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी संविदा कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने तक स्वास्थ्य विभाग के सभी नियमित कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में नियमित कर्मचारियों को लगाया गया है। सभी सरकारी अस्पतालों को भी इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। अस्पतालों की ओपीडी और वहां भर्ती मरीजों के उपचार को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
डॉ. एनके गुप्ता, सीएमओ