गुरु की सीख ने डाक्टर उपेंद्र को बनाया कोरोना विजेता
अभिषेक सिंह साहिबाबाद परीक्षा कोई भी हो उसे पास करने के लिए जरूरी है परीक्षार्थी का आ
अभिषेक सिंह, साहिबाबाद: परीक्षा कोई भी हो, उसे पास करने के लिए जरूरी है परीक्षार्थी का आत्मविश्वास मजबूत रखना। आत्म विश्वास मजबूत रखने की सीख बचपन में ही गुरुजनों ने पढ़ाई के दौरान दे दी थी, जिसकी मदद से आज कोरोना जैसी घातक बीमारी को भी मात देकर लोग कोरोना संक्रमित से कोरोना विजेता बनने तक का सफर तय कर रहे हैं।
वैशाली सेक्टर-4 स्थित गौड़ गंगा अपार्टमेंट निवासी डा. उपेंद्र सिंह भी ऐसे ही कोरोना विजेता हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली में उनका क्लीनिक है। 26 मई को कोरोना के लक्षण महसूस हुए तो उन्होंने क्लीनिक बंद किया और घर पर क्वारंटाइन हो गए। टेस्ट कराने पर कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके बाद उपचार के लिए वह पहले संतोष मेडिकल अस्पताल इसके बाद दिल्ली स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती हो गए। अस्पताल पहुंचने तक डा. उपेंद्र की तबीयत ज्यादा बिगड़ चुकी थी, उनको प्लाज्मा की आवश्यकता पड़ी। प्लाज्मा दान करने वाले की तलाश के लिए सोशल मीडिया की भी मदद लेनी पड़ी। इतने कठिन समय में भी उनका आत्मविश्वास कमजोर नहीं पड़ा। गुरु की सीख ने दिया कोरोना से लड़ने का हौसला: डा. उपेंद्र ने बताया कि जब वह 9वीं कक्षा में थे, तब गणित विषय के स्कूली टेस्ट में फेल हो गए थे। जिससे उनका आत्मविश्वास कमजोर हो गया था, जिसे देखकर गणित के अध्यापक यशपाल तुली ने उनको गणित की पढ़ाई के लिए अपने घर बुलाया। इस दौरान उनको जीवन में हमेशा आत्मविश्वास मजबूत रखने की सीख दी। अध्यापक की इस सीख का असर यह हुआ कि उपेंद्र ने अगले टेस्ट में गणित में शत प्रतिशत नंबर हासिल किए। इसके बाद आगे पढ़ाई कर उन्होंने डाक्टर बनने का लक्ष्य पूरा किया, लेकिन कभी भी गुरु की सीख नहीं भूले। कोरोना संक्रमित होने के बाद भी गुरु द्वारा दी गई आत्मविश्वास मजबूत रखने की सीख ने उनको अस्पताल में कोरोना से लड़ने का हौसला दिया। करीब 25 दिन तक चली कोरोना से लड़ाई में उन्होंने विजय हासिल की और स्वस्थ होकर घर वापस लौटे। डा. उपेंद्र अब दूसरों को भी आत्मविश्वास मजबूत रखने की सीख दे रहे हैं, जिससे की वे भी कोरोना को हरा सकें।