गैस का चेंबर बन रहा गाजियाबाद
जागरण संवाददाता साहिबाबाद गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। ग्रेडेड रि
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :
गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू कराने के लिए प्रशासन सख्त दिख रहा है लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिख रहा है। शुक्रवार को जिला रेड जोन में रहा और एनसीआर में दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर दर्ज किया गया। सुबह से ही धुंध छाई रही। लोगों को आंखों में जलन हुई। सांस लेने में मरीजों को परेशानी होने लगी है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े देखें तो गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 382 दर्ज किया गया। जिला गैस चैंबर बनता जा रहा है। शुक्रवार को पूरे शहर में धुंध छाई रही, जिससे लोगों की आंख में जलन हुई। लोग परेशान रहे। फेफड़े से संबंधित मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने लगी है। प्रशासन प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सख्त है पर सड़कों से अभी भी धूल उड़ रही है। लोग भी लापरवाही बरत रहे हैं, जिसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है। जगह-जगह खुले में निर्माण सामग्री रखी हुई है। नियमों को ताख पर रखकर निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। जगह जगह कूड़ा जलाया जा रहा है। कई स्थानों पर जेनरेटर भी चल रहे हैं। डग्गामार वाहन जहरीला धुआं उगल रहे हैं इनपर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
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बरतें यह सावधानी :
वैशाली सेक्टर छह स्थित आरोग्य अस्पताल के मुख्य प्रबंध निदेशक डॉ. उमेश वर्मा का कहना है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। ऐसे में सभी को सावधानी बरतने की जरूरत है। मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें। सांस से संबंधित मरीज घर से बाहर निकलने से बचें। आंखों में जलन हो रही है। ऐसे में समय-समय पर ताजे पानी से आंखों को धोएं। इसके बावजूद भी कोई परेशानी होती है तो चिकित्सक से परामर्श करें --------
एनसीआर के शहरों में प्रदूषण की स्थिति :
शहर एक्यूआइ
ग्रेटर नोएडा - 394
गाजियाबाद - 382
नोएडा - 379
दिल्ली - 374
गुरुग्राम - 367
फरीदाबाद- 337
बुलंदशहर - 313
नोट : एक्यूआइ 50 से 100 तक सामान्य माना जाता है