Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गाजियाबाद सीएमओ ने बदला आदेश, अब संवेदनशील एमएलसी केसों में ही ली जाएगी अंतिम सलाह

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 09:10 AM (IST)

    गाजियाबाद के सीएमओ ने एमएलसी मामलों के लिए अपने आदेश में बदलाव किया है। अब सिर्फ़ संवेदनशील मामलों में ही अंतिम राय ली जाएगी। इस बदलाव का उद्देश्य एमए ...और पढ़ें

    Hero Image


    डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ गाजियाबाद । जागरण

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। प्रत्येक एमएलसी (मेडिको लीगल केस) में फोरेंसिक विशेषज्ञ की सलाह जरूरी किये जाने को लेकर दैनिक जागरण में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने शनिवार को पूर्व के आदेश को संशोधित कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नये आदेशों के अनुसार अब केवल संवेदनशील एमएलसी केसों में ही फाइनल ओपिनियन ली जा सकेगी। इसके लिये भी केसों को रेफर करने की जगह ईएमओ को फाइनल सलाह के लिये संवेदनशील एमएलसी केसों में मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिये सीएमओ कार्यालय को प्रस्ताव भेजना होगा।

    नये आदेश में सीधे फोरेंसिक विशेषज्ञ को केसों को रेफर करने का तथ्य भी हटा दिया गया है। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों में कार्यरत ईएमओ ने राहत की सांस ली है। बता दें कि जिले के पांच अस्पतालों और छह सीएचसी में 24 घंटे इमरजेंसी में रोज सुबह से रात तक डेढ़ सौ से अधिक एमएलसी होती हैं।

    सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन द्वारा जारी किये गये पूर्व के आदेश में लिखा था कि फायर आर्म इंजरी एवं फिजिकल एसाल्ट केसों के फाइनल ओपिनियन के लिए उक्त केसों को फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. विशन कुमार मान को रेफर किया जाना अनिवार्य होगा।

    सीएमओ ने सीएमएस व एमएस को निर्देश थे कि सभी चिकित्साधिकारियों को इस संबंध में आदेशित करें कि उनके द्वारा किये जाने वाले फायर आर्म इंजरी एवं फिजिकल एसाल्ट केसों के फाइनल ओपिनियन के लिए उक्त को रेफर करना सुनिश्चित करें। फोरेंसिक विशेषज्ञ द्वारा फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के बाद ही उक्त केस से संबंधित व्यक्ति और विवेचक को रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

    जिले में एक ही फोरेंसिक विशेषज्ञ है और प्रतिदिन मेडिको लीगल केस (एमएलसी) के 150 मामले आते हैं। जिले में पुलिस के 25 थानों के अलावा जीआरपी और आरपीएफ का भी थाना है। ईएमओ का कहना था कि ऐसे में प्रत्येक केस में फाइनल सलाह दिया जाना संभव नहीं है। सीएमओ के नये आदेश में भी इस बात की पुष्टि हुई है।

    सीएमओ ने इनको जारी किया संशोधित आदेश

    • सीएमएस जिला एमएमजी अस्पताल
    • सीएमएस जिला महिला अस्पताल
    • सीएमएस जिला संयुक्त अस्पताल
    • सीएमएस 50 शैययायुक्त संयुक्त चिकित्सालय लोनी
    • सीएमएस 50 शैययायुक्त संयुक्त चिकित्सालय डूंडाहेडा विजयनगर
    • चिकित्सा अधीक्षक सीएचसी लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर,डासना, बम्हैटा,
    • प्रभारी चिकित्साधिकारी पीएचसी भोजपुर



    फायर आर्म इंजरी एवं फिजिकल एसाल्ट के संवेदनशील एमएलसी केसों में ही ईएमओ द्वारा फाइनल ओपिनियन के लिए केसों के लिये मेडिकल बोर्ड गठित करने का प्रस्ताव सीएमओ कार्यालय को भेजना होगा। पूर्व के आदेश को संशोधित कर दिया गया है।


    -

    - डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ