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उद्यमियों को ऋण देने में गाजियाबाद,मेरठ फिसड्डी

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत देश से बेरोजगारी कम करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दिए जाने वाले ऋण को लेकर गाजियाबाद व मेरठ जनपद फिसड्डी साबित हुआ है। पीएमईजीपी के तहत गाजियाबाद जिले में जहां गाजियाबाद ने 0.69 व मेरठ ने 4.52 फीसदी एवं मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (एमवाईएसवाई) योजना के तहत मेरठ ने 0.4

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 07:20 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 07:20 PM (IST)
उद्यमियों को ऋण देने में 
गाजियाबाद,मेरठ फिसड्डी
उद्यमियों को ऋण देने में गाजियाबाद,मेरठ फिसड्डी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत देश से बेरोजगारी कम करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दिए जाने वाले ऋण को लेकर गाजियाबाद व मेरठ जनपद फिसड्डी साबित हुआ है। पीएमईजीपी के तहत जहां गाजियाबाद ने 0.69 व मेरठ ने 4.52 फीसद एवं मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (एमवाईएसवाई) योजना के तहत मेरठ ने 0.48 व गाजियाबाद ने सिर्फ 1.02 फीसदी लोन बांटे हैं।

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पीएमईजीपी व एमवाईएसवाई योजना के माध्यम से सरकार की मंशा रही कि बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार मुहैया कराने के साथ दूसरों को भी रोजगार मिले। इसमें लघु उद्योगों के लिए आवेदन के बाद प्रोजेक्ट एवं साक्षात्कार के साथ ही तमाम प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद ऋण उपलब्ध कराने के लिए बैंकों को निर्देशित किया गया। जनपद में केंद्र व प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाली कई योजनाओं को बैंकों की उदासीनता ने जमकर पलीता लगाया है। इस संबंध में उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय के आयुक्त एवं निदेशक उद्योग ने मंडलायुक्त को इस संबंध में पत्र लिखकर खराब प्रगति रिपोर्ट पर नाराजगी जताई है। रिपोर्ट में उद्यमियों को इन योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराने में गाजियाबाद व मेरठ जनपद के बैंकों का बेहद खराब प्रदर्शन रहा है।

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तमाम प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद बैंकों की ओर से स्वरोजगार के लिए ऋण औसत बेहद कम है। केंद्र व प्रदेश सरकार की दोनों योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट बेहद खराब है। इस संबंध में बैंकों के सहायक महाप्रबंधक से ऋण के आवेदन निरस्त और लंबित आवेदनों के बारे में समय-समय पर अवगत कराया जाता है।

- बीरेंद्र कुमार, उपायुक्त जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन केंद्र


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