40 जिलों में 128 FIR पर गाजियाबाद में कार्रवाई ठप, कफ सीरप मामले में वाराणसी STF ने खोले कई राज
कफ सिरप मामले की जांच में वाराणसी एसटीएफ ने कई खुलासे किए हैं। पता चला है कि 40 जिलों में दर्ज 128 एफआईआर पर गाजियाबाद में कार्रवाई रुकी हुई है। इस वज ...और पढ़ें

विनीत कुमार, गाजियाबाद। कफ सीरप तस्करी पर दो जिलों में सबसे बड़े गिरोह का बीते महीने पर्दाफाश हुआ था। गाजियाबाद में तीन नवंबर को पुलिस ने साढ़े तीन करोड़ रुपये का कफ सीरप बांग्लादेश तस्करी के लिए भेजने के आरोप में आठ लोग गिरफ्तार किए थे। लेकिन इस नेटवर्क के स्थानीय संचालकों, सप्लायर, ट्रांसपोर्टर और वित्तीय मददगारों तक पहुंचने में गाजियाबाद पुलिस बेहद धीमी साबित हुई।
गाजियाबाद में जहां पुलिस तीन नवंबर के बाद एक भी आरोपित गिरफ्तार नहीं कर पाई वहीं वाराणसी में एसटीएफ ने कई आरोपित दबोचे हैं। प्रदेश के 40 जिलों में कफ सीरप तस्करी के मामले में 128 एफआइआर दर्ज की गई हैं। जिस तरह कई राज्यों में गिरोह की सक्रियता सामने आई है उससे आने वाले दिनों में एसटीएफ को इसकी जांच सौंपी जा सकती है।
जिले में कफ सीरप तस्करी का पर्दाफाश होने के बावजूद अभी तक एक भी आरोपित स्थानीय पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। इसके उलट वाराणसी में एसटीएफ ने गाजियाबाद से जुड़े तारों का पीछा करते हुए कई तस्करों को बेनकाब कर दिया। इतनी बड़ी बरामदगी के बाद भी जिले में कोई ठोस रणनीति पुलिस की नजर नहीं आई है।
अधिकारी हर बार जांच जारी है होने की बात बताते हैं, लेकिन जांच में कुछ ठोस नहीं निकाल पाए हैं। पुलिस मामले में सौरव त्यागी के बैंक खाते और उसकी फर्मों की जानकारी ही जुटा पाई है। जबकि पूरे गिरोह के अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी एवं नेटवर्क कैसे काम करता था इसकी ठोस जानकारी पुलिस बता नहीं पा रही है।
इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि पुलिस या तो गिरोह की वास्तविक पकड़ से बहुत दूर है या फिर कार्रवाई में दिलचस्पी नहीं ले रही। गाजियाबाद पुलिस ने उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी पर राहत पाए आरोपित अभिषेक शर्मा और आसिफ को नोटिस जारी कर बयान देने बुलाया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दोनों में से कोई भी पुलिस के सामने पेश नहीं हआ। दोनों आरोपित विदेश में होने की जानकारी सामने आ रही है।
"मामला संवेदनशील है और इसकी जांच कई स्तरों पर आगे बढ़ रही है। पुलिस टीम सभी संबंधित पहलुओं की जांच कर रही है और कड़ियां जोड़ रही है। एसआइटी मामले में तेजी से जांच को आगे बढ़ा रही है।"
-केशव चौधरी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त
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