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आइएमटी से जमीन का कब्जा वापस लेने से पहले एएजी से राय ले रहा जीडीए

इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (आइएमटी) के कब्जे से जमीन वापस लेने के लिए जीडीए में मंथन चल रहा है। ऐसा करने से पहले एडिशनल एडवोकेट जनरल (एएजी) से राय ली जा रही है। ताकि बाधाओं से बचा जा सके।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 06:08 AM (IST)
आइएमटी से जमीन का कब्जा वापस लेने से पहले एएजी से राय ले रहा जीडीए
आइएमटी से जमीन का कब्जा वापस लेने से पहले एएजी से राय ले रहा जीडीए

जासं, गाजियाबाद : इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (आइएमटी) के कब्जे से जमीन वापस लेने के लिए जीडीए में मंथन चल रहा है। ऐसा करने से पहले एडिशनल एडवोकेट जनरल (एएजी) से राय ली जा रही है। ताकि, बाधाओं से बचा जा सके।

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राजनगर सेक्टर-20 में वर्ष 1981 में आइएमटी को 11503.34 वर्ग गज जमीन आवंटित की गई थी। तब आइएमटी को 1.95 लाख रुपये देने थे। आवंटन के बाद आइएमटी ने भुगतान नहीं किया। वर्ष 1994 तक जीडीए की तरफ से लगातार भुगतान के संबंध में नोटिस भेजे गए थे। फिर जीडीए भी कार्रवाई करना भूल गया। पार्षद राजेंद्र त्यागी ने पूरे प्रकरण से मुख्यमंत्री को अवगत कराया था। उसके बाद जांच के बाद जीडीए ने इस जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ आइएमटी प्रबंधन इलाहाबाद हाईकोर्ट गया। वहां से आदेश हुआ था कि प्रमुख सचिव आवास आइएमटी प्रबंधन के प्रत्यावेदन पर निर्णय करें। आइएमटी प्रबंधन ने पुरानी दर पर ब्याज लगाकर जमीन का आवंटन पुनर्बहाल करने की मांग की थी। 30 अगस्त को हुई सुनवाई में प्रमुख सचिव आवास ने प्रत्यावेदन को खारिज कर दिया था। निर्णय किया था कि आइएमटी प्रबंधन चाहे तो वर्ष 1999 के शासनादेश के अनुसार बाजार मूल्य पर जमीन का पुर्नावंटन करा सकता है। इस निर्णय से हाईकोर्ट को अवगत करा दिया गया है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि एडिशनल एडवोकेट जनरल से राय ली जा ही है कि प्रमुख सचिव के निर्णय पर ही जमीन का कब्जा वापस ले लिया जाए या इस निर्णय पर हाईकोर्ट के निर्देशों का इंतजार किया जाए।


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