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जीडीए ने मेट्रो कॉरिडोर को निगम के हिस्से का अंशदान देने से किया मना

दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा तक मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण पर 2040 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अब भुगतान का वक्त का गया है। शासन ने नगर निगम की गुहार पर उसके हिस्से का अंशदान अदा करने की जिम्मेदारी को दे रखी है। जीडीए ने शासन को पत्र लिख निगम के हिस्से के अंशदान का भुगतान करने में असमर्थता जाहिर कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 09:42 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 09:42 PM (IST)
जीडीए ने मेट्रो कॉरिडोर को निगम के हिस्से का अंशदान देने से किया मना
जीडीए ने मेट्रो कॉरिडोर को निगम के हिस्से का अंशदान देने से किया मना

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा तक मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण पर 2040 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अब भुगतान का वक्त का गया है। शासन ने नगर निगम की गुहार पर उसके हिस्से का अंशदान अदा करने की जिम्मेदारी को दे रखी है। जीडीए ने शासन को पत्र लिख निगम के हिस्से के अंशदान का भुगतान करने में असमर्थता जाहिर कर दी है। इस खींचतान पर मुख्य सचिव ने शुक्रवार को जीडीए वीसी और नगर आयुक्त को लखनऊ बुलाया है। उसमें निगम के अंशदान को लेकर निर्णय होगा।

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9.41 किलोमीटर लंबे इस मेट्रो कॉरिडोर की डीपीआर में 2210 करोड़ रुपये लागत का आकलन किया गया था। किसी एक संस्था पर आर्थिक बोझ न पड़े, इसे देखते हुए अंशदान तय किया गया था। जीडीए, यूपीएसआइडीसी, नगर निगम और आवास विकास परिषद को मिलकर 1479.60 करोड़ रुपये अंशदान देना था। केंद्र सरकार के हिस्से में 402.40 करोड़ रुपये का अंशदान आया था। डीएमआरसी को मेट्रो ट्रेन खरीदने के लिए 328 करोड़ रुपये देने थे।

जीडीए, यूपीएसआइडीसी और आवास विकास परिषद अपना अंशदान देते रहे। इनकी तरफ से करीब 1100 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। इस बीच नगर निगम ने अपने हिस्से का 246.35 करोड़ रुपये का अंशदान देने से साफ इन्कार कर दिया। उनकी गुहार पर शासन ने तय कर दिया था कि उनका हिस्सा जीडीए देगा।

अब इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा होने के करीब है। ऐसे डीएमआरसी ने जीडीए को अवगत कराया है कि कॉरिडोर के निर्माण पर कुल 2040 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। जोकि, डीपीआर से 170 करोड़ रुपये कम है। अब इसके अनुपात में अंशदाता संस्थाओं को बकाया राशि अदा करनी है। नगर निगम को छोड़ कर सभी संस्थाएं धनराशि की व्यवस्था करने में जुट गई हैं। जीडीए पर आर्थिक बोझ ज्यादा पड़ रहा है। ऐसे में जीडीए की तरफ से शासन को पत्र भेज बताया गया है कि वह नगर निगम के हिस्से का अंशदान देने में समर्थ नहीं है। लिहाजा उनसे ही अंशदान की राशि दिलवाई जाए। इस पर मुख्य सचिव ने जीडीए वीसी और नगर आयुक्त को शुक्रवार को लखनऊ बुलाया है।

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दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा मेट्रो प्रोजेक्ट पर एक नजर

प्रोजेक्ट की शुरुआत-17 जून 2014

मेट्रो लाइन की लंबाई-9.41 किमी.


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