अवैध इमारत ध्वस्त करने के लिए एजेंसी की तलाश पूरी
अवैध इमारतों को ध्वस्त करने के लिए एजेंसी की तलाश पूरी हो गई है। इस कार्य के लिए सोमवार को जीडीए में दो एजेंसियों ने प्रस्ताव दिया है। किसी एक एजेंसी का चयन किया जाएगा। उसे आसपास बने भवनों को नुकसान पहुंचाए बगैर वैज्ञानिक तरीके से अवैध इमारत ध्वस्त करनी होगी।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अवैध इमारतों को ध्वस्त करने के लिए एजेंसी की तलाश पूरी हो गई है। इस कार्य के लिए सोमवार को जीडीए में दो एजेंसियों ने प्रस्ताव दिया है। किसी एक एजेंसी का चयन किया जाएगा। उसे आसपास बने भवनों को नुकसान पहुंचाए बगैर वैज्ञानिक तरीके से अवैध इमारत ध्वस्त करनी होगी। प्रति वर्ग फुट के हिसाब से इसे भुगतान किया जाएगा। जीडीए को जेसीबी से इमारतें ध्वस्त करने में दिक्कत आ रही थी। खासकर बहुमंजिला इमारतों को ध्वस्त करना मुमकिन नहीं हो पा रहा था। इस वजह से जीडीए को निजी एजेंसी का सहारा लेने की योजना बनाई।
22 जुलाई को आकाश नगर में हुए हादसे के बाद जीडीए ने अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के लिए सी¨लग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की थी। अगस्त में 253 अवैध मकान, दुकान, बहुमंजिला इमारतें और अन्य प्रकार के भवन ध्वस्त करने का लक्ष्य रखा गया। पूरी ताकत झोंकने के बाद जीडीए महज 108 अवैध निर्माण ही तोड़ पाया। संसाधनों की कमी के कारण लक्ष्य को नहीं छू पाए। इस माह जीडीए ने 219 अवैध निर्माण चिह्नित कर ध्वस्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। आधा महीना बीतने के बाद महज 44 अवैध निर्माण ही तोड़े जा सके हैं। मजदूरों और जेसीबी की मदद से पूरी इमारत को तोड़ना मुमकिन नहीं हो पा रहा। कई बार तो जेसीबी मशीन ही खराब हो चुकी हैं। इस समस्या को देखते हुए ध्वस्तीकरण के लिए निजी एजेंसी की मदद लेने के बारे में सोचा गया था। कई बार आवेदन मांगने पर अब एजेंसियों ने आवेदन किया है। ये एजेंसी रे¨कग बॉल, हाई रीच एक्सकेवेटर, जे¨टग प्रेशर, थर्मिक लेस तकनीक या अन्य वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्तीकरण करेंगी।
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खर्च की होगी रिकवरी
अवैध निर्माण को ध्वस्त करने में जीडीए जो खर्चा करेगा। उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 27 में प्रावधान दिया गया है कि जीडीए उसकी रिकवरी अवैध निर्माण करने वाले बिल्डर या व्यक्ति से कर करेगा।