पूरे दिन में एक इमारत ध्वस्त करना हुआ मुश्किल
अवैध निर्माण ध्वस्त करने में जीडीए की कार्रवाई धीमी होती जा रही है। संसाधनों की कमी के चलते शुक्रवार को जीडीए की टीम को आकाश नगर में एक अवैध इमारत ध्वस्त करने में पूरा दिन लग गया। फिर भी पूरी तरह इमारत को गिराया नहीं जा सका। जेसीबी में लगी ड्रिल तक खराब हो गई। ऐसे ही मोहननगर चौराहे के पास एक अवैध इमारत का कुछ ही हिस्सा तोड़ा जा सका। बाकी जगहों पर पुलिस बल न मिलने के कारण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं हो सकी।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अवैध निर्माण ध्वस्त करने के विरोध के चलते जीडीए की कार्रवाई धीमी होती जा रही है। संसाधनों की कमी के चलते शुक्रवार को जीडीए की टीम को आकाश नगर में एक अवैध इमारत ध्वस्त करने में पूरा दिन लग गया। फिर भी पूरी तरह इमारत को गिराया नहीं जा सका। जेसीबी में लगी ड्रिल तक खराब हो गई। ऐसे ही मोहननगर चौराहे के पास एक अवैध इमारत का कुछ ही हिस्सा तोड़ा जा सका। बाकी जगहों पर पुलिस बल न मिलने के कारण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं हो सकी।
जीडीए की टीम शुक्रवार को आकाश नगर में जमींदोज हुई इमारत से 200 मीटर दूर बनी अवैध इमारत को ढहाने के लिए पहुंची थी। जेसीबी में ड्रिल लगाकर इमारत के पिलर तोड़ने का प्रयास किया गया। कुछ ही पिलर ध्वस्त करने के बाद ड्रिल में खराबी आ गई। शाम तक तमाम कोशिशों के बाद पूरी इमारत को नहीं गिराया जा सका। इसके पास में राधा कृष्णा एंक्लेव में दूसरी अवैध इमारत में बनी दुकान को तोड़ने के लिए महज एक मजदूर लगाया गया था। वो शाम तक एक दीवार को दो जगह से तोड़ पाया। वहीं मोहननगर चौराहे के पास कटोरी मिल में प्रवर्तन जोन-सात की टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। उसमें भी अवैध इमारत के कुछ ही हिस्से को तोड़ा जा सका।
राजेंद्रनगर सेक्टर-पांच स्थित केशव कुंज में भी एक अवैध इमारत को तोड़ा गया। विजयनगर थाना क्षेत्र में सुदामापुरी कॉलोनी में दो इमारतों को ढहाया गया। राजनगर एक्सटेंशन, मोदीनगर व मुरादनगर, कविनगर थाना क्षेत्र, इंदिरापुरम और लोनी में पूरी तैयारी के बावजूद जीडीए की टीम कार्रवाई नहीं कर सकी। इन क्षेत्रों के लिए जीडीए को पुलिस बल नहीं मिला। तीन अवैध इमारतों को मोदीनगर और डीएलएफ कॉलोनी में सील किया गया। प्रत्येक थाना क्षेत्र में ध्वस्तीकरण का लक्ष्य हुआ था तय
आकाश नगर हादसे के बाद जीडीए तय किया था कि प्रत्येक थाना क्षेत्र में दो-दो अवैध निर्माण ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। एक भी इस लक्ष्य के अनुसार कार्रवाई नहीं हुई। कहीं पुलिस और जीडीए के बीच तालमेल न होने के कारण ध्वस्तीकरण की योजना ध्वस्त होती जा रही है। कुछ जगहों पर जेसीबी से इमारत को तोड़ पाना टीम के लिए संभव नहीं हो पा रहा। जिस गति से कार्रवई चल रही है। उसे देखते हुए इस महीने में 512 अवैध निर्माण ध्वस्त करने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा।
मकनपुर वासियों ने जीडीए आकर किया सी¨लग का विरोध
ग्राम मकनपुर में जीडीए ने बीते दिनों मानचित्र स्वीकृत न होने के कारण 15 से ज्यादा निर्माणाधीन मकानों को सील किया था। अन्य निर्माण कार्यों को रोकने की चेतावनी दी है। गांव में इसका विरोध होने लगा है। शुक्रवार को गांव वासियों ने जीडीए दफ्तर पहुंच कर अपना विरोध दर्ज कराया। ओएसडी वीके ¨सह से मुलाकात कर बताया कि उनके गांव की जमीन को इंदिरापुरम बसाने के लिए 1988 में अर्जित किया गया था। उस वक्त आबादी को अर्जन से मुक्त रखा गया था। उन्होंने बताया कि उनके मकान 40 से 50 साल पुराने बने हुए हैं। परिवार बढ़ने के कारण मकान का विस्तार कराना जरूरी है। कुछ मकानों में मरम्मत कार्य चल रहा है। उन्हें जीडीए अधिकारियों और कर्मचारियों ने रुकवा दिया है। कई मकानों में सील लगा दी गई है। जबकि, यह उचित नहीं है। इस गांव में विशेष प्रावधान के तहत मानचित्र स्वीकृति की जरूरत नहीं। ओएसडी वीके ¨सह ने बताया कि उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम के तहत प्राधिकरण क्षेत्र में हर जगह मकान बनाने के लिए मानचित्र स्वीकृत कराना जरूरी है। उसमें किसी तरह की रियायत का प्रावधान नहीं है।