एनआरएचएम घोटाले के चार मामलों में सुनवाई हुई
बिजनौर, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़ व जौनपुर में हुए एनआरएचएम घोटाले के मामलों में बृहस्पतिवार को विशेष अदालत में सुनवाई हुई। लोक अभियोजक ने बताया कि मुजफ्फरनगर में दवा व उपकरण की खरीद में लाखों का घोटाला वर्ष 2009-11 के बीच हुआ था। यह मामला सीबीआइ बनाम डा. उमाशंकर चल रहा है। वह तत्कालीन सीएमओ था। इस मामले में विजिलेंस इंस्पेक्टर योगेश ¨सह देव ने अदालत में उपस्थित होकर गवाही दी। उन्होंने बताया कि वह मार्च 2011 से फरवरी
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बिजनौर, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़ व जौनपुर में हुए एनआरएचएम घोटाले के मामलों में बृहस्पतिवार को विशेष अदालत में सुनवाई हुई। लोक अभियोजक ने बताया कि मुजफ्फरनगर में दवा व उपकरण की खरीद में लाखों का घोटाला वर्ष 2009-11 के बीच हुआ था। यह मामला सीबीआइ बनाम डा. उमाशंकर चल रहा है। वह तत्कालीन सीएमओ था। इस मामले में विजिलेंस इंस्पेक्टर योगेश ¨सह देव ने अदालत में उपस्थित होकर गवाही दी। उन्होंने बताया कि वह मार्च 2011 से फरवरी 2017 तक सीबीआइ देहरादून में प्रतिनियुक्ति पर तैनात रहे। उस दौरान एनआरएचएम से संबंधित इस मामले में शाखा प्रमुख के आदेश पर प्राथमिक जांच उन्होंने ही की थी। बिजनौर में एनआरएचएम घोटाला वर्ष 2009-10 में हुआ था। इसमें बिजनौर के तत्कालीन सीएमओ डा. अभिमन्यु ¨सह व अन्य आरोपित हैं। इस मामले में बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव जीसी कठेरिया ने अदालत में पेश होकर गवाही दी। जौनपुर में एनआरएचएम घोटाला वर्ष 2010-11 में हुआ। इसमें तत्कालीन सीएमओ डा. ओम प्रकाश ओझा व अन्य आरोपित हैं। आजमगढ़ में एनआरएचएम घोटाला वर्ष 2009-10 में हुआ। इसमें तत्कालीन सीएमओ डा. केएम अग्रवाल व अन्य आरोपित हैं। इन दोनों मामलों में अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। सभी मामलों में सुनवाई को अगली तारीख 17 अक्टूबर नियत की गई है।