चाय की चुस्की भूल लोगों ने कर ली काढ़े से दोस्ती
संवाद सहयोगी मोदीनगर कोरोना काल में जहां लोगों की काढ़े से दोस्ती हुई। वहीं चाय की चु
संवाद सहयोगी, मोदीनगर :कोरोना काल में जहां लोगों की काढ़े से दोस्ती हुई। वहीं, चाय की चुस्की कहीं खो गई। अब सुबह के समय अधिकांश घरों में चाय नहीं बनती, बल्कि पूरे परिवार के लिए काढ़ा बनाया जाता है। कोरोना काल में काढ़े ने लोगों की जीवनशैली में अपना स्थान बनाया है। कुछ लोग घरों में ही विभिन्न सामग्रियों से काढ़ा बना रहे हैं, तो कुछ बाजार से काढ़ा खरीदकर उसका सेवन कर रहे हैं। चिकित्सक भी इस मौसम में काढ़े का सेवन करने की सलाह दे रहे हैं। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ाता ही है साथ ही चेहरे पर भी तेज लाता है। वैसे तो ऋषि-मुनियों के समय से ही बीमारियों के उपचार में काढ़े का इस्तेमाल होता है, लेकिन इसकी अहमियत लोगों को अब कोरोना काल में पता चली। उनकी सुबह-शाम की चाय-कॉफी की तलब को अब काढ़ा दूर कर रहा है। इतना ही नहीं दुकानों व प्रतिष्ठानों में भी अब ग्राहक को चाय की जगह काढ़ा ही सर्व किया जा रहा है। बाजार में तमाम कंपनियों द्वारा भी अलग-अलग काढ़ों के पैकेट निकाले गए हैं, जिनका पानी में उबालने के बाद सेवन किया जाता है। ऐसे काढ़ों की तरफ लोगों का रुझान अधिक है। कुछ लोग काढ़े को अमृत तो कुछ लोग कोरोना नाशक बता रहे हैं। उधर, काढ़े की मांग में हुई वृद्धि के चलते दूध की खपत पर भी फर्क पड़ा है। जिन घरों में रोजाना काढ़ा बनता है वहां दूध की मात्रा कम कर दी गई है।
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लोगों का कथन
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काढ़े से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कोरोना से बचाव के लिए प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी जरूरी है। इसलिए रोजाना सुबह-शाम काढ़ा बनाकर पीता हूं। चाय-कॉफी पीना बिल्कुल बंद ही किया हुआ है। - गौरव हुड्डा
-------- रोजाना सुबह काढ़ा पीता हूं। पूरे दिन शरीर में ऊर्जा बनीं रहती है। वहीं, कोरोना से भी बचाव होता है। पिछले तीन महीने से लगातार घर पर ही काढ़ा बनाकर पीना शुरू किया है। - संजय गुप्ता
---------- काढ़ा स्वाद में तो थोड़ा कड़वा लगता है, लेकिन इसके फायदे अनेक हैं। कोरोना काल में काढ़े के फायदों की सही पहचान हुई है। अपने साथ पूरे परिवार को भी रोजाना सुबह-शाम काढ़े का सेवन कराता हूं। - योविन कौशिक