आइएमटी जमीन मामले में जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित
पार्षद ने इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (आइएमटी) के प्रबंधन पर करोड़ों रुपये की जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री को शिकायत भेजते हुए मामले की जांच की मांग की थी। इस मामले में जीडीए वीसी ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर मामले की 30 दिन के अंदर जांच करने निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (आइएमटी) के प्रबंधन पर करोड़ों रुपये की जमीन कब्जाने के मामले में जीडीए वीसी ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर मामले की 30 दिन के अंदर जांच करने के निर्देश दिए हैं। भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने आइएमटी के प्रबंधन पर 100 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था। पार्षद राजेंद्र त्यागी के मुताबिक राजनगर सेक्टर-20 में जिस जमीन पर आइएमटी बना है, उसे 1968 में गाजियाबाद इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट ने इस जमीन का आंशिक हिस्सा यानी 54049.25 वर्ग गज भूमि लाजपतराय स्मारक महाविद्यालय सोसायटी साहिबाबाद को स्कूल बनाने के लिए रियायती दर पर आवंटित की थी। सात अक्टूबर 1971 को सोसायटी और जीडीए के बीच इसकी लीज निष्पादित हुई। पार्षद का आरोप है कि सोसायटी ने स्कूल न बनाकर उस भूमि पर अवैध तरीके से आइएमटी का निर्माण कर दिया। जोकि, शर्तों का उल्लंघन है। उनका आरोप है कि आइएमटी प्रबंधन ने आंखों मे धूल झोंकने के इरादे से बीच में सोसायटी का नाम बदल कर लाजपतराय एजुकेशनल सोसायटी द्वारा- इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी राजनगर कर दिया। जबकि, लीज इस परिवर्तित सोसायटी के नाम नहीं है। शिकायत को गंभीर मानते हुए जीडीए ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है, जिसमें जीडीए सचिव संतोष कुमार राय, अपर सचिव सीपी त्रिपाठी, सीएटीपी इश्तयाक अहमद, चीफ इंजीनियर विवेकानंद सिंह व विधि अधिकारी संविदा राजेंद्र त्यागी को रखा गया है। कमेटी को 30 दिन में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए निर्देशित किया गया है। जांच में जमीन की पैमाइश और नक्शे के अनुरूप निर्माण की भी जांच की जाएगी। आइएमटी जमीन व नक्शा प्रकरण बेहद गंभीर है। इसमें पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
- कंचन वर्मा, जीडीए वीसी