प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का काम किसानों ने रोका
सात दिन से पूरा काम बंद पड़ा हुआ है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन आंदोलनरत किसानों को मनाने और हटाने में असफल साबित हो रहा है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के चौथे चरण का डासना में किसानों ने काम बंद करवा दिया है। किसानों के डर से कामगार और अभियंताओं ने काम करने से मना कर दिया है। सात दिन से पूरा काम बंद पड़ा हुआ है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन आंदोलनरत किसानों को मनाने और हटाने में असफल साबित हो रहा है। काम रुकने से प्रोजेक्ट की अवधि और लागत बढ़ने की संभावना के चलते भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अफसर टेंशन में आ गए हैं।
एनएचएआइ के परियोजना निदेशक ने आयुक्त मेरठ मंडल, डीएम, एसएसपी के अलावा एनएचएआइ के क्षेत्रीय अधिकारी को पत्र भेजकर साइट पर निर्माण कार्य के दौरान निर्माणकारी संस्था को पर्याप्त सीआरपीएफ, पीएसी अथवा पुलिस बल की व्यवस्था कराए जाने का अनुरोध किया है। अवगत कराया गया है कि किसानों ने 14 अक्टूबर से परियोजना का संपूर्ण कार्य बंद करा दिया गया है। इसी चरण का काम मोदीनगर में भी किसानों के विरोध के चलते धीमा हो गया है। यह काम आकाश नगर के सैकड़ों नागरिकों ने रोका है। किलोमीटर 28-30 के बीच के हिस्से में कुशलिया, डासना, नाहल और रसूलपुर सिकरोड में चल रहे कार्य में बाधा उत्पन्न हो गई है। धरने पर बैठे नागरिकों का नेतृत्व किसान नेता मास्टर मनोज नागर कर रहे हैं। एनएचएआइ ने आकाश नगर के गरीब व्यक्तियों के मकान तोड़ दिए हैं। अब प्रतिकर नहीं दिया जा रहा है। महिला, बच्चे और बुजुर्ग झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं। तोड़े गए मकानों के बदले मकान, जमीन या मुआवजा मिलने तक धरना जारी रहेगा। प्रशासन के अफसर कई बार वार्ता के लिए आए हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं किया गया है।
- मास्टर मनोज नागर, राष्ट्रीय महासचिव भारतीय किसान यूनियन भानू किसानों को समझाया जा रहा है। वार्ता के लिए लगातार बुलाया जा रहा है। किसान एवं आकाश नगर के नागरिक विकास कार्य में बेवजह अड़चन पैदा कर रहे हैं। काम रोका जा रहा है। पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। समस्या का हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
- डीपी सिंह, एसडीएम सदर चौथे चरण का काम डासना के पास किसानों ने बंद करा दिया है। आकाश नगर के सैकड़ों नागरिक अनुचित मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कामगारों और अभियंताओं को धरना देने वाले नागरिक और किसान नेता लगातार धमका रहे हैं। ऐसे में कोई काम करने को तैयार नहीं है। पुलिस और प्रशासन को पत्र भेजकर पर्याप्त सीआरपीएफ, पीएसी या पुलिस बल की व्यवस्था कराए जाने का अनुरोध किया गया है।
-मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ