Move to Jagran APP

व्यापार समझौते विरोध में किसानों का धरना

क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के तहत 15 अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते का किसानों पर बुरा असर होगा। इसे लेकर भाकियू के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा। उनका कहना था कि किसान और कृषि पर इस समझौता पूर्व में मुक्त व्यापार समझौते से अधिक नुकसानदेह साबित होगा। इस समझौते में शामिल 15 में से भारत सहित 11 देश व्यापार घाटे

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 03:27 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 06:09 AM (IST)
व्यापार समझौते विरोध में किसानों का धरना
व्यापार समझौते विरोध में किसानों का धरना

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) के तहत 15 अन्य  देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते का किसानों पर बुरा असर होगा। इसे लेकर भाकियू के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।

loksabha election banner

भाकियू का कहना था कि किसान और कृषि पर इस समझौता पूर्व में मुक्त व्यापार समझौते से अधिक नुकसानदेह साबित होगा। इस समझौते में शामिल 15 में से भारत सहित 11 देश व्यापार घाटे से जूझ रहे हैं। इसमें किसानों के लिए कोई भी लाभ के लिए उम्मीद नहीं है। विशेष रूप से डेयरी क्षेत्र और पौधरोपण क्षेत्र के बारे में किसान संगठन चितित हैं। आरसीईपी स्थायी रूप से अधिकांश कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क कम करके शून्य कर देगा। कई देश भारत में अपनी कृषि उपज को खपाने की कोशिश कर रहे हैं। डीएम को सौंपे गए ज्ञापन में किसानों ने आंदोलन का आरसीईपी का बहिष्कार किया। इसके आधार पर और पहले के मुक्त व्यापार समझौतों के संबंध में नकारात्मक अनुभवों के आधार पर एवं देश में किसानों के आंदोलन आरसीईपी को ²ढ़ता से खारिज करते हैं। हम चाहते हैं कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि किसानों के हितों की रक्षा हो। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार आरसीईपी पर हस्ताक्षर न करे और सुनिश्चित करे कि कृषि को आरसीईपी से बाहर रखा जाए। इस मौके पर भाकियू प्रेस प्रवक्ता शमशेर सिंह राणा के अलावा किसान मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.