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बखरवा अग्निकांड से प्रभावित परिवार एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे

जागरण संवाददातामोदीनगर बखरवा अग्निकांड से प्रभावित लोग बृहस्पतिवार को तहसील में एसडीएम का

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 07:44 PM (IST)
बखरवा अग्निकांड से प्रभावित परिवार एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे
बखरवा अग्निकांड से प्रभावित परिवार एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे

जागरण संवाददाता,मोदीनगर: बखरवा अग्निकांड से प्रभावित लोग बृहस्पतिवार को तहसील में एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। लोगों ने प्रशासन पर ग्रामीणों से झूठ बोलने का आरोप लगाया। ग्रामीण मृतक किशोरी के परिवार वालों को चार लाख का मुआवजा और झुलसे लोगों के उपचार के साथ ही 50 हजार की आर्थिक सहायता नहीं मिलने से नाराज थे। इस दौरान अधिकारी ग्रामीणों से बात करने से बचते रहे। वहीं, लोग देर शाम तक अपनी जिद पर अड़े थे।

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अग्निकांड से प्रभावित लोग बृहस्पतिवार की सुबह बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर तहसील पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए झूठ बोलने का आरोप लगाया। गुस्साए लोग एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। लोगों के समर्थन में पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. बबली गुर्जर भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि बखरवा अग्निकांड प्रशासन की बड़ी चूक है। पूरा मामला अधिकारियों की जानकारी में होने के बावजूद अवैध कार्य को रोकने की किसी ने जरूरत नहीं समझी। उन्होंने कहा कि डीएम ने गांव और आसपास के हजारों लोगों के बीच में मृतक आश्रितों को चार लाख का मुआवजा और झुलसे लोगों का उपचार साथ ही 50 हजार की आíथक सहायता देने की घोषणा की। लेकिन अधिकारी अपनी बात पर खरे नहीं उतरे। जिसके कारण जनता को घरों से बाहर निकलकर आंदोलन करना पड़ा। इस दौरान देर शाम तक भी कोई अधिकारी लोगों  से बात करने नहीं पहुंचा। जबकि, लोग मांग पूरी नहीं होने तक धरने पर बैठे रहने की जिद पर अड़े थे। इस मौके पर दर्शन नेहरा, रामभतेरी, अनीता, पुष्पा, गीता, राजवती, मीनाक्षी, राजन, दुलारी, मुन्नी, नरेश, सुबोध, अनिल गौतम आदि अनेक लोग मौजूद रहे।

-यह था मामला: पांच जुलाई को पटाखे की अवैध फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था। इसमें आठ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, लक्ष्मी सहित दो की उपचार के दौरान करीब एक सप्ताह बाद मौत हुई थी। इसके अलावा 10 से ज्यादा लोग बुरी तरह झुलस गए थे। इनमें लक्ष्मी के परिवार को चार लाख का मुआवजा नहीं दिया गया है। जबकि, डीएम की घोषणा के मुताबिक, नौ परिवारों को चार लाख मुआवजे का चेक मृतकों के अंतिम संस्कार से पहले ही दे दिए गए थे। लक्ष्मी और झुलसे लोगों के स्वजनों का आरोप है कि न तो प्रशासन ने इलाज का खर्च उठाया और न ही उनको 50 हजार की आíथक सहायता दी। रोजाना पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया जा रहा है। इस बारे में एसडीएम आदित्य प्रजापति का कहना है कि आíथक सहायता की फाइल शासन को भेजी गई है। वहां से अनुमोदन होते ही पीड़ित परिवारों को आíथक सहायता दे दी जाएगी।


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