कोर्ट में पेश हुआ यादव ¨सह
नोएडा प्राधिकरण घोटाले का आरोपी यादव ¨सह सीबीआइ की विशेष कोर्ट में पेश हुआ। आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक रोक लगा रखी है। इसके चलते अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख लगा दी। इस मामले में सीबीआइ ने सितंबर 2017 में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आरोप लगाया था कि यादव ¨सह और उनके परिवार की संपत्ति घोषित आय से 512 पर्सेंट अधिक है। आरोप पत्र में यादव ¨सह के अलावा उनकी पत्नी, बेटा, पुत्रवधू और दोनों बेटियों के साथ उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के नाम को शामिल किया गया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नोएडा प्राधिकरण घोटाले का आरोपित यादव ¨सह सीबीआइ की विशेष कोर्ट में पेश हुआ। आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक रोक लगा रखी है। इसके चलते अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख लगा दी।
सीबीआइ ने सितंबर 2017 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आरोप लगाया था कि यादव ¨सह और उनके परिवार की संपत्ति घोषित आय से 512 प्रतिशत अधिक है। आरोप पत्र में यादव ¨सह के अलावा उनकी पत्नी, बेटा, पुत्रवधू और दोनों बेटियों के साथ उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट के नाम को शामिल किया गया है। यादव ¨सह के 11 साल के कार्यकाल की जांच के बाद सीबीआइ ने चार्जशीट में बताया कि आरोपियों ने कमीशन के जरिए जमा की गई ब्लैक मनी को कंपनियों और ट्रस्ट के जरिये सफेद बनाने की कोशिश की है। सीबीआइ ने एक अप्रैल, 2004 से लेकर 4 अगस्त, 2015 तक यादव ¨सह और उसके परिवार की ओर से अर्जित संपत्ति और घोषित आय की छानबीन की। चार्जशीट में लिखा है कि उनके परिवार की जो संपत्ति चिह्नित की गई है, उसकी अनुमानित कीमत 23 करोड़ 15 लाख 41 हजार 514 के करीब आंकी गई है। यह उनकी घोषित आय का 512 प्रतिशत अधिक है। उनकी फैमिली ने तीन प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों कुसुम गारमेंट, केएस अल्ट्राटेक और हित्चिकी क्रिएशन के अलावा तीन प्रोपराइटरशिप वाली कंपनियां और पीजीपी चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए ब्लैक मनी को ठिकाने लगाया। इसके लिए अनसिक्यॉर्ड लोन और शेयर बेचकर अर्जित धन के माध्यम से खेती की जमीन खरीदी गई।