ईएसआइसी ने नगर निगम के खाते किए सीज, हंगामा
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) ने बृहस्पतिवार को नगर निगम के खाते सीज कर दिए। कर्मचारियों को 14 वर्षों से ईएसआइ के लाभ से वंचित रखा हुआ था। बार-बार कहने के बावजूद कर्मचारियों के वेतन से कटौती कर ईएसआइ की राशि जमा नहीं कराई जा रही थी। अब ईएसआइसी ने 9.50 करोड़ रुपये की रिकवरी का आदेश जारी करते हुए खाते सीज कर दिए।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) ने बृहस्पतिवार को नगर निगम के खाते सीज कर दिए। कर्मचारियों को 14 वर्षो से ईएसआइ के लाभ से वंचित रखा हुआ था। बार-बार कहने के बावजूद कर्मचारियों के वेतन से कटौती कर ईएसआइ की राशि जमा नहीं कराई जा रही थी। अब ईएसआइसी ने 9.50 करोड़ रुपये की रिकवरी का आदेश जारी करते हुए खाते सीज कर दिए। इस कारण कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया तो उन्होंने हंगामा कर रोष प्रकट किया। कुछ कर्मचारियों को यह बात समझ में आ गई थी कि ईएसआइ की राशि उनके वेतन से कटेगी। किसी ने बैंक की बिजली काट दी। ईएसआइ की टीम इस हंगामे को देख कार्रवाई पूर्ण करने के लिए बैंक मैनेजर को कहीं अलग ले गई। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि ईएसआइसी ने रिकवरी की धनराशि का निर्धारण गलत तरीके से किया है। इसके खिलाफ ईएसआइसी कोर्ट में अपील की जाएगी।
ईएसआइसी वर्ष 2004 से कर्मचारियों को ईएसआइ का लाभ उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम से पत्राचार कर रहा है। कई नोटिस भेज निगम को कहा गया है कि वह अपने कर्मचारियों के वेतन से ईएसआइ की राशि कटौती कर जमा कराए। अपने ठेकेदारों को भी इसके लिए बाध्य करे। इसके बावजूद पिछले 14 वर्षो से कोई सुनवाई नहीं हो रही। इस दौरान कई अधिकारी आए, सब ने ईएसआइसी के पत्राचार की अनदेखी कर दी। अब ईएसआइसी ने सख्त कदम उठाते हुए 9.50 करोड़ रुपये की रिकवरी का आदेश जारी कर दिया।
बृहस्पतिवार को उनकी टीम नवयुग मार्केट स्थित नगर निगम मुख्यालय पहुंची। इस परिसर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में नगर निगम के खाते सीज करने की कार्रवाई शुरू कर दी। इस कारण निगम कर्मचारियों के वेतन वितरण का कार्य प्रभावित हो गया। निगम के गेट पर धरना दे रहे कर्मचारियों को भनक लगी तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ कर्मचारियों में ईएसआइसी की कार्रवाई को लेकर भी रोष था। इसी दौरान किसी ने बैंक की बिजली काट दी। खाते सीज करने की कार्रवाई पूर्ण करने के लिए ईएसआइसी की टीम बैंक मैनेजर को अलग ले गई। कार्रवाई पूर्ण होने के बाद टीम वहां से रवाना हो गई। ईएसआइसी ने खाते सीज करके गलत किया है। गलत तरीके से ईएसआइ की धनराशि का निर्धारण किया है। निगम के पूरे बजट के हिसाब से गणना की गई है। ठेकेदारों के कर्मचारियों के ईएसआइ की राशि का भार भी नगर निगम पर डाल दिया है। इस मामले में हाई कोर्ट ने ईएसआइसी कोर्ट में अपील दायर करने के निर्देश दिए थे। इससे पहले अपील दायर कर पाते, यह कार्रवाई कर दी गई। शुक्रवार को इस रिकवरी की कार्रवाई के खिलाफ ईएसआइसी कोर्ट में अपील दायर की जाएगी।
-अरुण कुमार मिश्रा, लेखाधिकारी, नगर निगम