फरवरी तक सुधर जाएगी शहर से गांव तक बिजली की सेहत
आने वाली गर्मियों के लिए गाजियाबाद शहर व देहात में बिजली की सेहत सुधारने की पूरी तैयारी है। ऑटो क्लोजर सिस्टम व रिग मैन यूनिट (आरएमयू) लगाने का लक्ष्य है। वहीं जिले के 153 गांवों में एरियल बंडल्ड कंडक्टर्स ड़ालने का कार्य भी 2
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : आने वाली गर्मियों के लिए गाजियाबाद शहर व देहात में बिजली की सेहत सुधारने की पूरी तैयारी है। ऑटो क्लोजर सिस्टम व रिग मैन यूनिट (आरएमयू) लगाने का लक्ष्य है। वहीं, जिले के 153 गांवों में एरियल बंडल्ड कंडक्टर्स डालने का कार्य भी 28 मार्च तक पूरा होगा। सरकार की मंशा के अनुरूप इससे विद्युत व्यवस्था में सुधार होगा।
जनपद निवासी इसे बड़ी सौगात के रूप में देख रहे हैं। अभी जर्जर तारों की वजह से आंधी तूफान आने पर शहर व देहात में बिजली गुल रहती है। सिर्फ जाड़े में ही नहीं, अब गर्मी में भी निर्बाध विद्युत आपूर्ति की योजना पर युद्धस्तर पर कार्य हो रहा है। करीब 225 करोड़ रुपये से शहर व 153 गांव में बिजली की सेहत सुधारी जाएगी। उर्जा निगम की ओर से जनपद के लोगों को गर्मी से निजात दिलाने के लिए शहर में आरएमयू, ऑटो रिक्लोजर एवं एबीसी डाली जा रही हैं। शहर भर में 450 आरएमयू में से 320 व 389 ऑटो क्लोजर सिस्टम में 177 लग चुके हैं, जबकि 390 किलोमीटर एबीसी में 228 किमी एबीसी डाली जा चुकी है। इससे शहर में कहीं किसी कालोनी में बिजली फाल्ट होने पर उसी फीडर की ऑटो रिक्लोजर से बिजली गुल होगी। विद्युतकर्मियों को भी फाल्ट तलाशने में वक्त नहीं लगेगा और वह जल्द से जल्द इसे सुधार कर आपूर्ति सुचारू कर सकेंगे। इसमें करीब 175 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वहीं, देहात में जर्जर विद्युत के तारों को हटाकर 700 किलोमीटर एबीसी डालने कार्य शुरू हो चुका है। इससे आए दिन झूलते तार टूटकर गिरने से जहां ग्रामीणों को हादसों एवं कई-कई घंटे विद्युत कटौती से भी निजात मिल सकेगी। करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से उक्त 153 गांवों में 700 किलोमीटर एबीसी डाली जाएगी, अभी तक 10 गांव में 50 किमी एबीसी डाली जा चुकी है। इसका कार्य 28 फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिसके लिए 20 टीमों को लगाया गया है। शहर में 13 ट्रांसफार्मर की बढ़ेगी क्षमता
गर्मी में बढ़ते लोड को देखते हुए शहर के विभिन्न इलाकों में 13 ट्रांसफार्मर की क्षमता 5 से 10 केवीए की जाएगी। इसकी तैयारी की जा रही है। आगामी मार्च मार्च माह में इन ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करने की योजना है। यहां पिछले काफी समय से लोड के चलते फाल्ट होने के साथ ही फ्यूज उड़ने की शिकायतें आम रही हैं। इससे न केवल बिजली आपूर्ति सुचारू होगी और गांव के लोगों को जर्जर विद्युत तारों से निजात मिलेगी, बल्कि आपूर्ति में भी सुधार होगा। वहीं, शहर में किसी भी फीडर में फाल्ट होने पर उसका आसानी से पता लगाकर जल्द ठीक करने में विद्युत कर्मियों को मदद मिलेगी। सरकार की मंशा है कि उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली दी जा सके। यह कार्य 28 फरवरी तक पूरा हो जाएगा।
- आरके राणा, मुख्य अभियंता।