ई-नीलामी शुरू नहीं कर पाया जीडीए
जीडीए का ई-नीलामी शुरू करने का सपना अधूरा रह गया। समय से तकनीक के साथ कदमताल न मिलाने के कारण अधिकारियों की यह हसरत पूरी नहीं हो पाई। दो हजार वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों की नीलामी के लिए 10 जनवरी का दिन नियत किया गया है। इसमें बिड सिस्टम से बोली लगेगी। जोकि, पुराने ढर्रे पर होगी।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए का ई-नीलामी शुरू करने का सपना अधूरा रह गया। समय से तकनीक के साथ कदमताल न मिलाने के कारण अधिकारियों की यह हसरत पूरी नहीं हो पाई। दो हजार वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों की नीलामी के लिए 10 जनवरी का दिन नियत किया गया है। इसमें बिड सिस्टम से बोली लगेगी। जोकि, पुराने ढर्रे पर होगी। बोलीदाता को बक्से में बंद लिफाफे में प्रस्तावित कीमत बिड फॉर्म के साथ 2 से 10 जनवरी के बीच डालनी होगी और बाद में उसे सबके सामने खोला जाएगा। हाल में तय किया गया था कि इन भूखंडों का ई-नीलामी के जरिए बेचा जाएगा। 44 भूखंड होंगे नीलाम
दो हजार वर्ग मीटर और उससे बड़े साइज के भूखंडों की नीलामी होगी। इसमें ग्रुप हाउ¨सग, औद्योगिक, होटल, हॉस्पिटल और कॉमर्शियल उपयोग के भूखंड हैं। ये भूखंड वैशाली, इंदिरापुरम, मधुबन-बापूधाम, कौशांबी, कोयल एंक्लेव समेत कई जगहों पर हैं। इनमें भी कई ऐसे भूखंड हैं, जिन्हें पहले भी नीलामी में लगाया जा चुका है। पेमेंट गेटवे की समस्या
जीडीए ने ई-नीलामी के लिए केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के उपक्रम एमएसटीसी से सहयोग मांगा था। ताकि, नीलामी में देश भर के लोग हिस्सा ले सकें। भूखंड की अच्छी कीमत जीडीए को मिल जाए। अधिकारियों ने बताया कि ई-नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आरक्षित मूल्य ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा देनी थी। उसके लिए ऑनलाइन पेमेंट गेटवे चाहिए था। जोकि, नहीं मिल पाया। इस कारण ई-नीलामी को फिलहाल टालना पड़ा है। बड़े भूखंडों की ई-नीलामी अभी नहीं हो पा रही। पेमेंट गेटवे की परेशानी के चलते दिक्कत हो रही है। इस बार पुराने तरीके से ही नीलामी कराई जाएगी।
- संतोष कुमार राय, सचिव, जीडीए